प्रिय पाठकगण
इस बार की पहेली आपको नशे में पहुंचा सकती है क्योकि यह मदिरा पर आधारित है ।
जीहां प्रतीकों के माध्यम से अपनी बात कहने के लिये मदिरा और साकी लंबे समय से कवियों का प्रिय विषय रहा है।
आज की पहेली में साकी और शराब पर लिखी दो कविताओ की कुछ पंक्तियां प्रस्तुत हैं जिसके आधार पर आपको इसके मूल लेखक को पहचानना है।
तो यह रहीं वह नशीली पंक्तियां
(1)
(2)
अब तक शायद आप पहचान गये होंगे रचयिता और अनुवादक दोनों को !
तो फिर देर किस बात की, तुरंत अपना उत्तर भेजें ताकि आपसे पहले उत्तर भेजकर कोई और इसका पहेली का विजेता न बन जाय।
हार्दिक शुभकामनाओं सहित।
इस बार की पहेली आपको नशे में पहुंचा सकती है क्योकि यह मदिरा पर आधारित है ।
जीहां प्रतीकों के माध्यम से अपनी बात कहने के लिये मदिरा और साकी लंबे समय से कवियों का प्रिय विषय रहा है।
आज की पहेली में साकी और शराब पर लिखी दो कविताओ की कुछ पंक्तियां प्रस्तुत हैं जिसके आधार पर आपको इसके मूल लेखक को पहचानना है।
तो यह रहीं वह नशीली पंक्तियां
(1)
वह प्याला भर साक़ी सुंदर,
मज्जित हो विस्मृति में अंतर,
धन्य उमर वह, तेरे मुख की
लाली पर जो सतत निछावर!
जिस नभ में तेरा निवास
पद रेणु कणों से वहाँ निरंतर
तेरी छबि की मदिरा पीकर
घूमा करते कोटि दिवाकर!
(2)
बैठ, प्रिय साक़ी, मेरे पास,
पिलाता जा, बढ़ती जा प्यास!
सुनेगा तू ही यदि न पुकार
मिलेगा कैसे पार?
स्वप्न मादक प्याली में आज
डुबादे लोक लाज, जग काज,
हुआ जीवन से, सखे, निराश,
बाँध, निज भुज मद पाश!संकेत के रूप में यह बताना चाहेंगे कि इन नशीली पंक्तियां के रचयिता और अनुवादक दोनों साहित्य जगत की अमूल्य धरोहर है।
अब तक शायद आप पहचान गये होंगे रचयिता और अनुवादक दोनों को !
तो फिर देर किस बात की, तुरंत अपना उत्तर भेजें ताकि आपसे पहले उत्तर भेजकर कोई और इसका पहेली का विजेता न बन जाय।
हार्दिक शुभकामनाओं सहित।
madhujwal is the book;
जवाब देंहटाएंmadhujwaal is the book.
जवाब देंहटाएंइस बार अनुमान से ही उत्तर दे रही हूँ ! पंक्तियाँ उमर खैय्याम की हैं और अनुवादक हैं डॉ. हरिवश राय बच्चन ! वैसे अब तक तो आपको सही उत्तर मिल ही चुके होंगे ! आपकी पहेली आज ही देखी इस बार !
जवाब देंहटाएंumar khaiyaam anuwaadak sumitranandan pant book madhujwaal
जवाब देंहटाएंumar khaiyaam anuwaadak sumitranandan pant book madhujwaal
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