मंगलवार, 27 दिसंबर 2011

हिन्दी साहित्या पहेली ६१ का परिणाम और विजेता है सुश्री साधना वैद जी

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों

इस पहेली का उत्तर है पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी !
श्री अटल बिहारी बाजपेयी को जन्मदिवस की शुभकामनाएँ!!!


और सबसे पहले सही उत्तर भेजकर विजेता के पद पर विराजमान हुई हैं सुश्री साधना वैद जी



साधना वैद्य जी

और सही उत्तर भेज कर आज के प्रथम उपविजेता पद पर विराजमान हुई हैं सुश्री ऋता शेखर ‘मधु’ जी

सुश्री साधना वैद जी और सुश्री ऋता शेखर ‘मधु’ जी

आप को हिंदी साहित्य पहेली परिवार की ओर से नव वर्ष ''२०१२'' की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ ढेरों बधाइयाँ।
  
                     

सोमवार, 26 दिसंबर 2011

हिंदी साहित्य पहेली 61 जन्मदिवस की अनेकनेक शुभकामनाऐं

आज की पहेली में आपको हिन्दुस्तान के उस इतिहास पुरूष को पहचानना है जिसने राजनीति की रपटीली राहों पर फिसलते संभलते हुऐ इसके शिखर को छुआ (संकेत-1) और इस शिखर से त्यागपत्र देते हुये बाल्मिीकि रामायण की वह पंक्ति पढी थी जो उनके बाबा श्यामलाल जी ने (संकेत-2) बचपन में याद कराई थी।

'न भीतो मरणादस्मि केवलं दूषितो यशः’

अर्थात मैं मृत्यु से नहीं केवल अपयश से डरता हूं।

इस महान विभूति ने अपने इकसठवें जन्मदिवस के अवसर पर यह कविता भी लिखी थी (संकेत-3):-


नए मील का पत्थर

नए मील का पत्थर पार हुआ।
कितने पत्थर शेष न कोई जानता?
अन्तिम कौन पडाव नही पहचानता?

अक्षय सूरज , अखण्ड धरती,
केवल काया , जीती मरती,
इसलिये उम्र का बढना भी त्यौहार हुआ।
नए मील का पत्थर पार हुआ।

बचपन याद बहुत आता है,
यौवन रसघट भर लाता है,
बदला मौसम, ढलती छाया,
रिसती गागर , लुटती माया,

सब कुछ दांव लगाकर घाटे का व्यापार हुआ।
नए मील का पत्थर पार हुआ।




बीते कल भारत का यह इतिहास पुरूष अपने जीवन का एक और वर्ष-पडाव पार करते हुये जीवन की शतकीय यात्रा से मात्र 13 कदम दूर रह गया है। (संकेत-4)

और हां सामान्यतः अशुभ माना जाने वाल यह अंक 13 इस महान पुरूष के लिये भाग्य का सूचक रहा है। (संकेत-5)

अब इतने संकेत एक साथ पाने के बाद आप भी अवश्य ही इस महापुरूष को जन्मदिवस की बधाइयां अवश्य देना चाहते होंगे तो फिर देर किस बात की तुरंत अपनी शुभकानाऐं टाइप करें और टिप्पणी के रूप में भेज दें जो आपको इस पहेली का विजेता भी बना सकती हैं।
अब तो देर न कीजिये और अपना उत्तर तुरंत भेजिये । कहीं कोई और प्रतिभागी आपसे पहले उत्तर भेजकर इस पहेली का विजेता न बन जाय। शुभकामनाओं सहित।

मंगलवार, 20 दिसंबर 2011

साहित्य पहेली संख्या-60 का परिणाम और विजेताश्री दर्शन लाल बावेजा जी

इस बार की पहेली संख्या 60 में सामने बने मुख पृष्ठ में लेखक के नाम को छिपा दिया गया था । जिसमें शीर्षक को पहचान कर आपको लेखक को पहचानना था । सही उत्तर है सर्व श्री अशोक चक्रधर जी ।


और अब बात सही उत्तर की .हमें आपको यह बताते हुये हर्ष हो रहा है कि इस बार की पहेली में सर्वप्रथम सही उत्तर भेजकर विजेता के पद पर विराजमान हुए हैं श्री दर्शन लाल बावेजा जी


श्री दर्शन लाल बावेजा जी
जबकि श्री मनोज कुमार जी सही उत्तर भेज कर आज के प्रथम उपविजेता पद पर विराजमान हुये हैं


आप विजेता तथा उपविजेता को हिंदी साहित्य पहेली परिवार की ओर से हार्दिक शुभकामनायें


सोमवार, 19 दिसंबर 2011

हिन्दी साहित्य पहेली 60 लेखक को पहचानो

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों

आज की पहेली में सामने बने पुस्तक के लेखक के नाम को इस प्रकार छिपा दिया गया है उसका थोडा सा
अंश ही दृश्मान है आपको इसी दृश्मान अंश और पुस्तक के शीर्षक के आधार पर इस लोकप्रिय कवि को पहचानना है




आज पुस्तक का शीर्षक ही पहेली का संकेत है अतः कोई अतिरिक्त संकेत न देते हुये आपको इस पुस्तक के लेखक को पहचानना है।

है ना बहुत आसान सा कार्य ! तो फिर देर किस बात की !!

क्या आप पहचान गये हैं उसको ?
तो फिर जल्दी से जल्दी अपना उत्तर भेजें ताकि आपसे पहले उत्तर भेजकर कोई और इसका पहेली का विजेता न बन जाय।
हार्दिक शुभकामनाओं सहित।

मंगलवार, 13 दिसंबर 2011

साहित्य पहेली संख्या-59 का परिणाम और विजेता श्री

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों

इस बार की पहेली संख्या 59 में एक गीत के रचयिता का नाम पूछा गया था जिसका संकेत इन पक्तियों में छिपा था
इसे ही प्रसाद ‘अमर जागरण’ कहा करते थे।
जी हां आपकी जिज्ञासा ठीक ही है सही उत्तर है जयशंकर प्रसाद जी ।
और अब बात सही उत्तर की .हमें आपको यह बताते हुये हर्ष हो रहा है कि इस बार की पहेली में सर्वप्रथम सही लेखक को पहचान कर उत्तर दिया है और सबसे पहले सही उत्तर भेजकर विजेता के पद पर विराजमान हुए हैं आदरणीय डा0 रूपचंद शास्त्री ‘मयंक’जी


और सही उत्तर भेज कर आज के प्रथम उपविजेता पद पर विराजमान हुये हैं श्री दर्शन लाल बावेजा जी


जबकि श्री मनोज कुमार जी को द्वितीय उपविजेता होने का गौरव प्राप्त हुआ है

आप सभी विजेता तथा उपविजेतागणो को हिंदी साहित्य पहेली परिवार की ओर से हार्दिक शुभकामनायें  
                     

सोमवार, 12 दिसंबर 2011

हिन्दी साहित्य पहेली 59 रचनाकार को पहचानो

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों
आज की साहित्य पहेली में आपको नीचे अंकित पंक्तियों के आधार पर उसके महान रचनाकार को पहचानना है । एक महान रचनाकार का यह गीत एक ऐसी यात्रा का कल्पना संसार है जो निश्छल प्रेम कथा के देश तक पहुंचती हैं। यह एक नए संसार की रचना का आह्वान गीत है, एक ऐसा संसार जहां जीवन कोई गहरा अर्थ पा सके। इसे ही प्रसाद ‘अमर जागरण’ कहा करते थे।
इस गीत की पंक्तियों में एक युग के भारतीय हृदय और मन की गहरी छाप बसी है।
इसके रचनाकार के एक नये ही व्यक्तित्व और जीवन का अस्फुट स्वप्न इन शब्दों में जाग उठा है।

ले चल वहाँ भुलावा देकर
मेरे नाविक ! धीरे-धीरे ।
जिस निर्जन में सागर लहरी,
अम्बर के कानों में गहरी,
निश्छल प्रेम-कथा कहती हो-
तज कोलाहल की अवनी रे ।
जहाँ साँझ-सी जीवन-छाया,
ढीली अपनी कोमल काया,
नील नयन से ढुलकाती हो-
ताराओं की पाँति घनी रे ।

जिस गम्भीर मधुर छाया में,
विश्व चित्र-पट चल माया में,
विभुता विभु-सी पड़े दिखाई-
दुख-सुख बाली सत्य बनी रे ।
श्रम-विश्राम क्षितिज-वेला से
जहाँ सृजन करते मेला से,
अमर जागरण उषा नयन से-
बिखराती हो ज्योति घनी रे !

उक्त पंक्तियों को पढने के बाद शायद आपको इस पहेली का उत्तर देने के लिये किसी संकेत की आवश्यकता ही न हो परन्तु हम इस पहेली का संकेत गीत के पहले लिखी गयी इसकी प्रस्तावना में पहले ही बता चुके हैं।
है ना बहुत आसान सा कार्य । तो फिर देर किस बात की क्या आप पहचान गये हैं उस छाया वादी प्रगतिशील कवि को (ओह नो.... फिर एक संकेत.....) तो फिर अब देरी किस बात की जल्दी से जल्दी अपना उत्तर भेजें ताकि आपसे पहले उत्तर भेजकर कोई और इसका पहेली का विजेता न बन जाय।
हार्दिक शुभकामनाओं सहित।

मंगलवार, 6 दिसंबर 2011

हिंदी साहित्य पहेली 58 का परिणाम और विजेता है डा0 रूपचंद शास्त्री ‘मयंक’जी

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों
इस पहेली का उत्तर है श्री मनोहर श्याम जोशी


और सबसे पहले सही उत्तर भेजकर विजेता के पद पर विराजमान हुए हैं आदरणीय डा0 रूपचंद शास्त्री ‘मयंक’जी


और सही उत्तर भेज कर आज के प्रथम उपविजेता पद पर विराजमान हुई हैं सुश्री वंदना जी

डा0 रूपचंद शास्त्री ‘मयंक’जी और सुश्री वंदना जी
आप को हिंदी साहित्य पहेली परिवार की ओर से हार्दिक शुभकामनायें और ढेरों बधाइयाँ।  
                     

सोमवार, 5 दिसंबर 2011

हिन्दी साहित्य पहेली 58 लेखक को पहचानो

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों

दूरदर्शन धारावाहिक के रूप में बुनियाद को देश के लाखों और करोडों दर्शकों ने देखा और सराहा है। इसके लेखक ने इसकी प्रस्तावना लिखते समय इस धारावाहिक के लेखन में सुप्रसिद्ध कथाकार कृष्णा सोबती और शोध कार्य के लिये डा0 पुश्पेश पन्त के सहयोग के बगैर इसे पूरा न कर पाने का तथ्य उद्धाटित किया था।

यहाँ प्रकाशित चित्र इस धारावाहिक दृश्यालेख कहानी का पुस्तक स्वरूप है जिसे पुस्तक का आकार देने में श्री भूपेन्द्र अबोध जी की प्रमुख भूमिका रही है।

आज की पहेली में सामने बने पुस्तक के मुख पृष्ठ में लेखक के नाम को छिपा दिया गया है आपको इस मुख पृष्ठ को देखकर पुस्तक के लेखक को पहचानना है।


आज पुस्तक का शीर्षक ही पहेली का संकेत है अतः कोई अतिरिक्त संकेत न देते हुये आपको इस पुस्तक के लेखक को पहचानना है।

है ना बहुत आसान सा कार्य ! तो फिर देर किस बात की !!

क्या आप पहचान गये हैं उस प्रगतिशील कवि को ?
तो फिर जल्दी से जल्दी अपना उत्तर भेजें ताकि आपसे पहले उत्तर भेजकर कोई और इसका पहेली का विजेता न बन जाय।
हार्दिक शुभकामनाओं सहित।

मंगलवार, 29 नवंबर 2011

पहेली संख्या-57 का परिणाम और विजेता श्री दर्शन लाल बावेजा जी

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों

आज की पहेली में सामने बने उपन्यास के मुख पृष्ठ में लेखक के नाम को छिपा दिया गया था । जिसमें शीर्षक को पहचान कर आपको उपन्यास के लेखक को पहचानना था । सही उत्तर है सर्व श्री वृन्दावन लाल वर्मा


ळमें यह बताते हुय आपको यह बता ते हुये हर्ष हो रहा है कि इस बार की पहेली में सर्वप्रथम सही लेखक को पहचान कर उत्तर दिया है श्री दर्शन लाल बावेजा जी ने
जो इस साहित्य पहेली57 के विजेता है


श्री दर्शन लाल बावेजा जी

और सही उत्तर भेज कर आज के प्रथम उपविजेता पद पर विराजमान हुई हैं सुश्री वंदना जी

सुश्री वंदना जी

आप को हिंदी साहित्य पहेली परिवार की ओर से हार्दिक शुभकामनायें  
                     

सोमवार, 28 नवंबर 2011

हिन्दी साहित्य पहेली 57 लेखक को पहचानो

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों

आज की पहेली में सामने बने उपन्यास के मुख पृष्ठ में लेखक के नाम को छिपा दिया गया है आपको इस मुख पृष्ठ को देखकर उपन्यास के लेखक को पहचानना है।



आज की पहेली में उपन्यास का शीर्षक ही उसका संकेत है अतः कोई अतिरिक्त संकेत न देते हुये आपको इस उपन्यास के लेखक को पहचानना है।

मंगलवार, 22 नवंबर 2011

पहेली संख्या-56 का परिणाम और विजेता श्री सत्यम शिवम् जी

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों
इस पहेली का उत्तर है पं0 वैद्यनाथ मिश्र ‘यात्री’ । क्या पहचान पाये आप इन पं0 मिश्र जी को ? इन्होंने अपने इसी उपनाम ‘यात्री ’ से मैथिली में लेखन किया है। मैथिली काब्य संग्रह ‘पत्रहीन नग्न गाछ’ के लिये उन्हें साहित्य अकादमी पुरूस्कार से सम्मानित किया गया था।
हम हिंन्दीभषी उन्हें उनके जग प्रसिद्ध नाम ‘बाबा नागार्जुन’ के नाम से जानते हैं।

सबसे पहले सही उत्तर भेजकर विजेता बने हैं श्री सत्यम शिवम् जी
                                     
 
उन्हें ढेर सारी बधाइयाँ


और दूसरे नंबर पर रह कर उप विजेता रहे हैं आदरणीय डा0 रूपचंद शास्त्री ‘मयंक’जी

और प्रथम  उपविजेता  के  पद  पर  विराजमान  हुए हैं



आप दोनो विजेताओं को ढेरों बधाइयाँ।

आप को हिंदी साहित्य पहेली परिवार की ओर से हार्दिक शुभकामनायें  
                     

सोमवार, 21 नवंबर 2011

हिन्दी साहित्य पहेली 56 लेखक को पहचानो

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों

आज की पहेली में ‘अकाल और उसके बाद’ नाम कविता की कुछ पंक्तियाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ जिनका रचना काल 1952 का है

आपको इन पंक्तियों के आधार पर उसके लेखक को पहचानना है


पंक्तियाँ हैं:-

कई दिनों तक चूल्हा रोया, चक्की रही उदास।

कई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पास।

कई दिनों तक लगी भत पर छिपकलियों की गश्त।

कई दिनों तक चूहों की भी हालत रही शिकस्त।

दाने आये घर के अन्दर कई दिनों के बाद।

धुआँ उठा आँगन से ऊपर कई दिनों के बाद।

चमक उठी घर भर की आँखें कई दिनों के बाद।

कौए ने खुजलाई पाँखें कई दिनों के बाद।


पहले संकेत के रूप में बता दें कि उपरोक्त पंक्तियाँ लिखने वाले सुविख्यात प्रगतिशील कवि का जन्म दरभंगा बिहार में हुआ था। आपको साहित्य के क्षेत्र में प्रसिद्ध हुआ इनका नाम लिखना है ।

दूसरे संकेत के रूप में बता दें कि इन्हे साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था।

क्या आप पहचान गये हैं उस प्रगतिशील कवि को तो फिर अब देरी किस बात की जल्दी से जल्दी अपना उत्तर भेजें ताकि आपसे पहले उत्तर भेजकर कोई और इसका पहेली का विजेता न बन जाय।

हार्दिक शुभकामनाओं सहित।

मंगलवार, 15 नवंबर 2011

पहेली संख्या-55 का परिणाम और विजेता श्री दिलबाग विर्क जी

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों
आज की पहेली में सामने बने उपन्यास के मुख पृष्ठ में लेखक के नाम को छिपा दिया गया था। जिसमें शीर्षक को पहचान कर आपको उपन्यास के लेखक को पहचानना था।
सही उत्तर है डा0 राही मासूम रजा


ळमें यह बताते हुय आपको यह बता ते हुये हर्ष हो रहा है कि इस बार की पहेली में सर्वप्रथम सही लेखक को पहचान कर उत्तर दिया है श्री दिलबाग विर्क जी ने जो इस साहित्य पहेली55 के विजेता है

श्री दिलबाग विर्क जी
और उप विजेता हैं सुश्री साधना वैद जी

                     

                                  ''सुश्री  साधना  वैद  जी 



आप को हिंदी साहित्य पहेली परिवार की ओर से हार्दिक शुभकामनायें  
                     

सोमवार, 14 नवंबर 2011

हिन्दी साहित्य पहेली 55 लेखक को पहचानो

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों

आज की पहेली में सामने बने उपन्यास के मुख पृष्ठ में लेखक के नाम को छिपा दिया गया है आपको इस मुख पृष्ठ को देखकर उपन्यास के लेखक को पहचानना है।


आज की पहेली में उपन्यास का शीर्षक ही उसका संकेत है अतः कोई अतिरिक्त संकेत न देते हुये आपको इस उपन्यास के लेखक को पहचानना है।

मंगलवार, 8 नवंबर 2011

पहेली संख्या-54 का परिणाम और विजेता और एक अपील

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों
इस बार की हिन्दी साहित्य पहेली 54 लेखक को पहचानो में सामने बने चित्र में लेखक के नाम को छिपा दिया गया था जिसका सही चित्र निम्न प्रकार है
अब आप समझ ही गये होंगे कि आज की पहेली का सही उत्तर है श्री हजारी प्रसाद द्विवेदी जी
सही लेखक को पहचान कर उत्तर भेजकर विजेता बने हैं श्री केवल रामजी उन्हे विजेता हेने की बहुत बहुत बधाई

श्री केवल रामजी

और उप विजेता हैं सुश्री साधना वैद जी

                     

                                  ''सुश्री  साधना  वैद  जी 

 















आज की पहेली के विजेता की घोषणा के साथ साथ एक महत्वपूर्ण सूचना भी आप सभी पाठक जनो के साथ साझा करते हुये एक अपील करनी है

एक अपील


प्रेम की उपासक अमृता जी का हौज खास वाला घर बिक गया है।
अमृता जी का पुराना घर जिसकी नेम प्लेट उनकी कलात्कता को दर्शाती है
और यह रही धूल धूसरित मकान की आज की सूरत
कोई भी जरूरत सांस्कृतिक विरासत से बडी नहीं हो सकती। इसलिये अमृताजी के नाम पर चलने वाली अनेक संस्थाओं तथा इनसे जुडे तथाकथित साहित्यिक लोगों से उम्मीद करूँगा कि वे आगे आकर हौज खास की उस जगह पर बनने वाली बहु मंजिली इमारत का एक तल अमृताजी को समर्पित करते हुये उनकी सांस्कृतिक विरासत को बचाये रखने के लिये कोई अभियान अवश्य चलायें। पहली पहल करते हुये भारत के राष्ट्रपति को प्रेषित अपने पत्र की प्रति आपको भेज रहा हूँ । उचित होगा कि आप एवं अन्य साहित्यप्रेमी भी इसी प्रकार के मेल भेजे । अवश्य कुछ न कुछ अवश्य होगा इसी शुभकामना के साथ महामहिम का लिंक है

यह रही राष्ट्रपति भवन की शिकायत प्राप्ति रसीद


महामहिम राष्ट्रपति जी का लिंक यहां है । कृपया एक पहल आप भी अवश्य करें!!!!

सोमवार, 7 नवंबर 2011

हिन्दी साहित्य पहेली 54 लेखक को पहचानो

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों
आज की पहेली में सामने बने उपन्यास के मुख पृष्ठ में लेखक के नाम को छिपा दिया गया है आपको इस मुख पृष्ठ को देखकर उपन्याय के लेखक को पहचानना है।


आज की पहेली में उपन्यास का शीर्षक ही उसका संकेत है अतः कोई अतिरिक्त संकेत न देते हुये आपको इस उपन्यास के लेखक को पहचानना है।

मंगलवार, 1 नवंबर 2011

पहेली संख्या-53 का परिणाम और विजेता सुश्री साधना वैद जी

प्रिय चिट्ठाकारों,
   पहेली संख्या-53 का  सही  उत्तर  है  -
अमृता प्रीतम जी जिनकी आत्मकथा ‘रसीदी टिकट’ का मुख पृष्ठ हिन्दी साहित्य पहेली 53 में प्रदर्शित किया गया था

                                         


और  सही उत्तर सर्वप्रथम  भेजकर  विजेता  बनी  हैं

                     

                                  ''सुश्री  साधना  वैद  जी  ''

और प्रथम  उपविजेता  के  पद  पर  विराजमान  हुए हैं
                                     
  आप को हिंदी साहित्य पहेली परिवार की ओर से हार्दिक शुभकामनायें  
                     

सोमवार, 31 अक्तूबर 2011

हिन्दी साहित्य पहेली 53 श्रद्धांजलि---

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों,

आज की पहेली श्रद्धांजलि है उस महान साहित्यिक हस्ती को जिसकी आज 31 अक्टूबर को पुण्य तिथि है ।
इस महान लेखिका का चित्र उनकी आत्मकथा क्र मुखपृष्ठ पर प्रदर्शित है जिसमें थोडा सा संशोधन किया गया है । आत्मकथा पुस्तक का मुखपृष्ठ संलग्न चित्र में प्रदर्शित है



आज की पहेली में आपको इस पुस्तक के नाम और उसकी लेखिका को पहचानना है।
संकेत के रूप में इस लेखिका द्वारा नारी के विषय में लिखे शब्दों को उद्धृत किया जा रहा हैं जो इस प्रकार हैंः-


‘‘औरत की पाकीजगी का ताल्लुक, समाज ने कभी भी , औरत के मन की अवस्था से नहीं पहचाना, हमेशा उसके तन से जोड. दिया। इसी दर्द केा लेकर उनके द्वारा लिखित एक नावल के किरदार ऐनी के अल्फाज हैंः- मुहब्बत और वफाा ऐसी चीजें नहीं हैं , जो किसी बेगाना को छूते ही खत्म हो जाएं। हो सकता है पराए बदन से गुजर कर वह और मजबूत हो जाएं, जिस तरह इन्सान मुश्किलों से गुजर कर और मजबूत हो जाता है....’’
क्या आप पहचान गये हैं तो फिर अब देरी किस बात की जल्दी से जल्दी अपना उत्तर भेजें ताकि आपसे पहले उत्तर भेजकर कोई और इसका पहेली का विजेता न बन जाय।

हार्दिक शुभकामनाओं सहित।

मंगलवार, 25 अक्तूबर 2011

पहेली संख्या-52 का परिणाम और विजेता श्री दर्शन लाल बावेजा जी

आदरणीय महोदय
आप सभी पाठकजनों को दीपावली की हार्दिक शुभकानाऐं देते हुये हिन्दी साहित्य पहेली 52 के सही हल की घोषणा करते हैं जो है ‘साहिर लुधियानवी’ जीहाँ आप जिस विख्यात शायर को सहिर लुधियानवी के नाम से जानते हैं उसका असली नाम अब्दुल हायी था। इसके साथ ही विजेता की घोषणा करते हुये भी हमें अपार हर्ष है कि सर्वप्रथम सही हल भेज कर इस बार भी विजेता बने है डा0 दर्शन लाल जी बावेजा


तथा प्रथम उपविजेता है
साधना वैद जी


आप सभी प्रतिभागियों को हार्दिक शुभकामनाओं सहित आगामी साहित्य पहेली संख्या 53 में पूछे जाने वाले प्रश्न का संकेत देते हुये बताना चाहते हैं कि अगली पहेली भी ऐक श्रद्धांजलि पहेली ही होगी और उस पहेली के उत्तर का इस पहेली के उत्तर से बहुत गहरा नाता है। तो आने वाली पहेली तक इस पर कयास लगाइये और दीपावली के पटाके और फुलझडियों का आनन्द लीजिये।
आप सभी प्रतिभागियों को पुनः हार्दिक शुभकामनाये


दीपावली की हार्दिक शुभकामनाऐं!!

सोमवार, 24 अक्तूबर 2011

हिन्दी साहित्य पहेली 52 श्रद्धांजलि

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों,
आज की पहेली श्रद्धांजलि है एक ऐसे शायर को जिसका देहान्त 59 वर्ष की अवस्था में 25 अक्टूबर 1980 को दिल का दौरा पड़ने से हो गया। आज की पहेली में आपको उसे प्रसिद्ध शायर के नाम केा पहचानकर उसे लिखना है

1 पहले संकेत के रूप में आपको अवगत कराना है कि:-
उनके जीवन की तल्ख़ियां (कटुता) इनके लिखे शेरों में झलकती है । परछाईयाँ नामक कविता में उन्होंने अपने प्रेमी जीवन की तरद्दुद का चित्रण किया है –
मैं फूल टाँक रहा हूँ तुम्हारे जूड़े में
तुम्हारी आँख मुसर्रत से झुकती जाती है
न जाने आज मैं क्या बात कहने वाला हूँ
ज़बान खुश्क है आवाज़ रुकती जाती है

2 दूसरे संकेत के रूप में आपको अवगत कराना है कि:- इस शायर को अपने जीवन में दो प्रेम असफलतायें मिलीं। पहला कॉलेज के दिनों में प्रसिद्ध लेखिका के साथ जब उसके घरवालों ने उनकी शादी न करने का फैसला ये सोचकर लिया कि एक तो मुस्लिम हैं दूसरे ग़रीबए और उनकी दूसरी मोहब्बत थी सुधा मल्होत्रा जिन्हे भी वह कभी न पा सके और आजीवन अविवाहित ही रहे


3 आखिरी तीसरे संकेत के रूप में आपको अवगत कराना है किः- उक्त शेर को लिखने वाले शायर का नाम असली नाम अब्दुल हायी था परन्तु दुनिया उसे इस नाम से नहीं जानती थी।
आज की पहेली में आपको उपरोक्त शेर लिखने वाले शायर अब्दुल हायी का वह नाम बताना है जिसे सारी दुनिया ने जाना
क्या आप पहचान गये हैं उस शायर को तो फिर अब देरी किस बात की जल्दी से जल्दी अपना उत्तर भेजें ताकि आपसे पहले उत्तर भेजकर कोई और इसका पहेली का विजेता न बन जाय।

हार्दिक शुभकामनाओं सहित।

मंगलवार, 18 अक्तूबर 2011

पहेली संख्या-51 का परिणाम और विजेता सुश्री साधना वैद जी

प्रिय चिट्ठाकारों

आज की पहेली में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को हार्दिक शुभकामनाये

यह महाकवि तुलसीदास द्वारा रचित ग्रन्थ " बरवै रामायण " का मुख पृष्ठ है !

पुस्तक का सही नाम है -- " बरवै रामायण "






सबसे पहले सही उत्तर भेज कर आज के प्रथम विजेता है

साधना वैद जी



तथा प्रथम उपविजेता बने है श्री दर्शन लाल बावेजा जी



आप सभी प्रतिभागियों को पुनः हार्दिक शुभकामनाये