सोमवार, 30 जनवरी 2012

हिन्दी साहित्य पहेली 66 राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पुण्य स्मरण

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों

आज की पहेली राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पुण्य स्मरण की पहेली है ।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अंतिम दर्शन

महात्मा गांधी की निर्मम हत्या पर हरिवंश राय बच्चन ने निम्न कविता लिखी थी जो ‘खादी के फूल’ नामक संग्रह में प्रकाशित हुयी थी। इसका प्रकाशन इलाहाबाद की लीडर प्रेस से हुआ था। कविता इस प्रकार है।

था उचित कि गाँधी जी की निर्मम हत्या पर

था उचित कि गाँधी जी की निर्मम हत्या पर
तारे छिप जाते, काला हो जाता अंबर,
केवल कलंक अवशिष्ट चंद्रमा रह जाता,
कुछ और नज़ारा
था जब ऊपर
गई नज़र।

अंबर में एक प्रतीक्षा को कौतूहल था,
तारों का आनन पहले से भी उज्ज्वल था,
वे पंथ किसी का जैसे ज्योतित करते हों,
नभ वात किसी के
स्वागत में
फिर चंचल था।

उस महाशोक में भी मन में अभिमान हुआ,
धरती के ऊपर कुछ ऐसा बलिदान हुआ,
प्रतिफलित हुआ धरणी के तप से कुछ ऐसा,
जिसका अमरों
के आँगन में
सम्मान हुआ।

अवनी गौरव से अंकित हों नभ के लिखे,
क्या लिए देवताओं ने ही यश के ठेके,
अवतार स्वर्ग का ही पृथ्वी ने जाना है,
पृथ्वी का अभ्युत्थान
स्वर्ग भी तो
देखे!


आज की पहेली में आपको डा0 हरिवंश राय बच्चन की उक्त कविता-संग्रह ‘खादी के फूल’ के सहलेखक के नाम को बताना है।

है ना बहुत आसान सा कार्य । तो फिर देर किस बात की

क्या आप पहचान गये हैं उस प्रगतिशील छायावादी कवि को तो फिर अब देरी किस बात की जल्दी से जल्दी अपना उत्तर भेजें ताकि आपसे पहले उत्तर भेजकर कोई और इसका पहेली का विजेता न बन जाय।

हार्दिक शुभकामनाओं सहित।

3 टिप्‍पणियां:

आप सभी प्रतिभागियों की टिप्पणियां पहेली का परिणाम घोषित होने पर एक साथ प्रदर्शित की जायेगीं