सोमवार, 17 अक्तूबर 2011

हिन्दी साहित्य पहेली 51 के परिणाम की घोषणा से पूर्व साहित्य पहेली 49 के परिणाम मे संशोधन की घोषणा

हिन्दी साहित्य पहेली 49 के परिणाम में समयान्तरगत किसी भी प्रतियोगी का सही प्रतिउत्तर नहीं मिल सकने के कारण किसी को भी विजेता नहीं घोषित किया गया था। परन्तु परीक्षण करने पर यह पाया गया है कि इन्टरनेट की असावधानी के कारण डा0 दर्शन लाल बावेजा जी के द्वारा भेजा गया उत्तर परिणाम की घोषणा के उपरांत विलंब से प्रदर्शित हुआ।
यह हमारे लिये खेद का विषय है कि प्रतिभागियों को अनेक संकेत देने के बाद भी डा0 दर्शन लाल बावेजा जी के द्वारा भेजा गया उत्तर समय से प्रदर्शित नहीं हो सका जिस कारण यह घोषणा करनी पडी कि किसी भी प्रतिभागी ने सही उत्तर नहीं दिया है।

इससे पूर्व ही पहेली संख्या 50 जो विजेताओं और उपविजेताओं पर आधारित थी प्रदर्शित की जा चुकी थी आप में से किसी भी सुधी पाठक ने भी इस और कोई संकेत नहीं किया कि पहेली संख्या 49 का उत्तर संशोधित होना चाहिये जिसके परिणाम पर इस पहेली संख्या 49 के परिणाम का प्रभाव पड सकता था हमने इसी कारण पहेली संख्या 50 के परिणाम की घोषणा से पूर्व विजेता और उपविजेताओ के अंतरिम आंकडो वाली पोस्ट भी जारी की थी ताकि आप में से किसी की आपत्ति प्राप्त हो परन्तु ऐसा नहीं होने के कारण घोषित आंकडों के आधार पर ही परिणाम का आकलन करने का निर्णय लिया।


इसी कारण अब हमने पहेली संख्या 50 के परिणाम की घोषणा के उपरांत ही इस पहेली संख्या 49 के परिणाम को पुर्नघोषित करना उचित एवं न्याय संगत समझा ।


आपको यह बताते हुये हर्ष हो रहा है कि साहित्य पहेली संख्या 49 के लिये विजेता रहे हैं डा0 दर्शन लाल जी बावेजा परन्तु इस विलंब के लिये खेद व्यक्त करते हये हम डा0 दर्शन लाल जी से अपेक्षा करेंगे कि अपना स्नेह पूर्ववत देते रहेगे।
विजेता बने है श्री दर्शन लाल बावेजा जी





आप सभी पाठकजनों से भी अनुरोध है कि इस प्रकार की अनियमितता होने पर कृपया अपनी टिप्पणी के माध्यम से तत्काल अवश्य अवगत करायें।


आप सभी प्रतिभागियों को पुनः हार्दिक शुभकामनाओं सहित

2 टिप्‍पणियां:

  1. मुझे पता था पर क्या फर्क पड़ता है ये सोचा
    भूल सुधार के लिये धन्यवाद....

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  2. Darshanlal ji
    sahradayata pradarshit karne ke liye aabhar.
    Hamaari trutiyon ki or aapka ingit karna is blog ki behtari aur pathakon me vishwash ke liye hi hota hai.
    Kritya bhavishya me. Truti hone par awasya ingit karaiyega.
    Dhanyawaad.

    जवाब देंहटाएं

आप सभी प्रतिभागियों की टिप्पणियां पहेली का परिणाम घोषित होने पर एक साथ प्रदर्शित की जायेगीं