गुरुवार, 14 जुलाई 2011

त्रुटि के लिए क्षमा-पहेली संख्या ३४ के विजेता सत्यम शिवम् जी

प्रिय चिट्ठाकारों,
      हमारे पास उपलब्ध उत्तर के परिणाम स्वरुप हमसे यह त्रुटि हो गयी वो तो सत्यम जी ने हमें सही कार्य करने के लिए जागरूक किया और हम तब जाकर पहेली संख्या -३४ का सही उत्तर आप सभी के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं .यदि आगे से भी हमसे कोई ऐसी त्रुटि होती है तो हमारी आप सभी से यह प्रार्थना है कि हमें सही कार्य करने के लिए प्रेरित करें
पहेली संख्या ३४ के सही उत्तर के लिए सुभद्रा जी की कविता ही यहाँ प्रस्तुत है और यही साक्षी है सत्यम जी के उत्तर के सही होने की-कविता यह है जिससे वे पंक्तियाँ उद्धृत  की गयी हैं -- 



[geeta kavita .com se sabhar ]

और इस बार के विजेता हैं -
श्री सत्यम शिवम् जी 

और उपविजेता हैं-
डॉ.दर्शन लाल बवेजा जी.

आप दोनों को हिंदी साहित्य पहेली परिवार की ओर से हार्दिक शुभकामनायें.



3 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्छी प्रस्तुति ||
    बधाई शालिनी जी ||

    आजा मेरे प्यारे बचपन |
    ये पचपन बड़ा सताए ||
    घुटनों का है दर्द भयंकर
    कैसे दौड़ा जाए ||
    इस चौखट से उस मंजिल तक
    माया नित भरमाये ||
    लौट के आजा फिर से बचपन
    जम के उधम मचाये ||

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  2. भैया जी आपकी पहेली का कोई निश्चित समय नहीं है क्या

    समय निश्चित न होने से परिणामो पर फर्क पड़ता है , कृपया समय निश्चित करे

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आप सभी प्रतिभागियों की टिप्पणियां पहेली का परिणाम घोषित होने पर एक साथ प्रदर्शित की जायेगीं