प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों,
पहेली संख्या 82 में आपको हिन्दी में लिखी गयी पहली लधुकथा के लेखक को पहचानना था
इस सहित्य पहेली 82 का विजेता घोषित करने से पहले आपको सही उत्तर बताते हैं जो है श्रीयुत भारतेंदु हरिश्चन्द्र
इस पहेली का परिणाम
जिन लघ्वाकारीय गद्य कथा-रचनाओं को पहली लघुकथा में गिना जाना चाहिए, वे निम्न प्रकार हैं:-
1 अंगहीन धनी (परिहासिनी, 1876) भारतेंदु हरिश्चन्द्र
2 अद्भुत संवाद (परिहासिनी, 1876) भारतेंदु हरिश्चन्द्र
आज की पहेली के प्रतिउत्तर में सुश्री ऋताशेखर जी मधु जी ने हिन्दी लघुकथा के संबंध में अपने उत्तर के साथ यह टिप्पणी भी साझा की है कि संभवतः हिन्दी की पहली लधुकथा पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जी की लघुकथा 'झलमला' है|
इस संबंध में उल्लेखनीय है कि इस पहेली के उत्तर हेतु प्रस्तुत किये गये संकेत में मैने उन सभी नौ साहित्यकारों के नाम अंकित किये थे जिन्हें किसी न किसी रूप में लघुकथा के आरंभिक रूप से जोडा जाता है इसके अतिरिक्त कुछ विद्वजन आदरणीय श्री माधवराव सप्रे (जून १८७१ - २६ अप्रैल १९२६) जी को हिन्दी की प्रथम लघुकथा का लेखक मानते हैं
जैसा कि मैने पहेली प्रस्तुत करते समय अंकित किया था कि प्रत्येक के संबंध में उसके प्रस्तोता का ठोस साक्ष्य अथवा तर्क उपस्थित है।
बहरहाल हम सुश्री ऋता शेखर जी के आभारी है कि उन्होंने भी अपना अमूल्य मत पहेली के प्रतिउत्तर के माध्यम से व्यक्त किया है
और अब चर्चा इस पहेली के परिणाम पर
इस बार सबसे पहले सही उत्तर भेजकर विजेता के पद पर विराजमान हुई हैं सुश्री साधना वैद्य जी
और सही उत्तर भेज कर आज के प्रथम उपविजेता पद पर विराजमान हुए हैं
डा0 रूपचंद शास्त्री ‘मयंक’जी
हम सुश्री ऋता शेखर जी के इस प्रयास के कारण सुश्री ऋता जी आज की पहेली की विशिष्ट विजेता हैं।
विजेता सुश्री साधना वैद्य जी डा0 रूपचंद शास्त्री ‘मयंक’जी सुश्री ऋता शेखर ‘मधु’ जी को हार्दिक बधाई
विजेता और उपविजेता दौनों को हार्दिक बधाई!
जवाब देंहटाएंहम आपका स्वागत करते है....
जवाब देंहटाएंदूसरा ब्रम्हाजी मंदिर आसोतरा में .....
sadhna ji v shastri ji ko hardik shubhkamnayen .hindi sahitya paheli ''blog ko satat apna bahumooly yogdan pradan karne hetu ashok ji aapka bhi hardik dhnyvad .
जवाब देंहटाएं