मंगलवार, 28 अगस्त 2012

हिन्दी साहित्य पहेली 96 परिणाम और पुनः विजेता हैं सुश्री साधना वैद्य जी ।

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों,


इस पहेली का परिणाम

हिन्दी साहित्य पहेली 96 में आपको ईसा से कोई तीन चार सौ साल पुरानी फारसी अनुवाद की प्रतिकृति को पहचानना था यह ऐतिहासिक प्रतिकृति भारतीय किताब 'पंचतंत्र' की है !

यह ऐतिहासिक प्रतिकृति भारतीय किताब 'पंचतंत्र' के फारसी अनुवाद की पुस्तक की है ! पंचतंत्र की कथाओं के फारसी अनुवादक का नाम इब्न अल मुकाफा है ! पंचतंत्र की कथाओं से संबंधित अन्य जानकारी आप गद्यकोश के इस लिंक पर जाकर पा सकते हैं ।

पंचतंत्र की कथाओं से संबंधित अन्य जानकारी गद्यकोश पर

पंचतंत्र की कथाओं से संबंधित अन्य जानकारी गद्यकोश पर

इस पहेली के कई उत्तर हमें प्राप्त हुये जो सही थे सबसे पहले प्राप्त होने वाला उत्तर सुश्री साधना वैद्य जी का रहा अतः आज के विजेता पद को सुशोभित करने का अधिकार जाता है सुश्री साधना वैद्य जी को ।

और अब चर्चा इस पहेली के परिणाम पर

1-इस बार सही उत्तर भेजकर विजेता बनी हैं सुश्री साधना वैद्य जी


2- और आज की पहेली में सही उत्तर भेजकर उपविजेता हैं श्री प्रकाश गोविन्द जी।

आज की पहेली का सही उत्तर खोज कर साहित्य पहेली को प्रेषित कर इसमें सक्रिय भाग लेने के लिये हार्दिक आभार और शुभकामनाये





सोमवार, 27 अगस्त 2012

हिन्दी साहित्य पहेली 96 ऐतिहासिक कृति को पहचानो

प्रिय पाठकगण तथा चिट्ठाकारों,

आज की साहित्य पहेली अत्यंत लोकप्रिय ऐतिहासिक कृति पर आधारित है

यह एक लोकप्रिय ऐतिहासिक कृति की फारसी अनुवाद की प्रतिकृति है आपको पहचानना है कि यह कौन सी ऐतिहासिक कृति है
इस महान लोकप्रिय ऐतिहासिक कृति की प्रतिकृति प्रस्तुत हैं

संकेत के रूप में बताना चाहेंगे कि मूल रूप में यह कृति ईसा से कोई तीन चार सौ साल पुरानी है यहां इसकी जो फारसी अनुवाद की प्रतिकृति दिखलयी जा रही है वह भी लगभग पांच सौ वर्ष पुरानी है

इतने संकेतों के बाद अब तक तो आप पहचान ही गये होंगे इस महान लोकप्रिय ऐतिहासिक कृति को ।
तो फिर देर किस बात की तत्काल अपना उत्तर भेजें ताकि कोई और आपसे पहले पहेली का उत्तर भेजकर पहेली का विजेता न बन जाय।
शुभकामनाओं सहित

मंगलवार, 21 अगस्त 2012

हिन्दी साहित्य पहेली 95 परिणाम और विजेता हैं सुश्री साधना वैद्य जी जी।

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों,
सभी साथियों को ईद की हार्दिक शुभकामनायें !

इस पहेली का परिणाम

हिन्दी साहित्य पहेली 95 में आपको दी गयी नज़्म के रचनाकार को पहचानना था इस बेहतरीन गज़ल के रचनाकार का नाम है श्री क़तील शिफ़ाई जी

क़तील शिफाई जी 24 दिसंबर 1919 को हरीपुर हज़ारा में पैदा हुए थे । उनका असली नाम था औरंगज़ेब ख़ान था । पिता के असमय निधन की वजह से पढ़ाई बीच में ही छोड़कर क़तील को खेल के सामान की अपनी दुकान शुरू करनी पड़ी, इस धंधे में बुरी तरह नाकाम रहने के बाद क़तील पहुंच गये रावलपिंडी और एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में उन्होंने साठ रूपये महीने की तनख्वाह पर काम करना शुरू किया । सन 1946 में नज़ीर अहमद ने उन्हें मशहूर पत्रिका ‘आदाब-ऐ-लतीफ़’ में उप संपादक बनाकर बुला लिया । ये पत्रिका सन 1936 से छप रही थी । क़तील की पहली ग़ज़ल लाहौर से निकलने वाले साप्ताहिक अख़बार ‘स्टार’ में छपी, जिसके संपादक थे क़मर जलालाबादी ।
जनवरी 1947 में क़तील को लाहौर के एक फिल्म प्रोड्यूसर ने गाने लिखने की दावत दी, उन्होंने जिस पहली फिल्म में गाने लिखे उसका नाम है ‘तेरी याद’ । क़तील ने कई पाकिस्तानी और कुछ हिंदुस्तानी फिल्मों में गीत लिखे । जगजीत सिंह-चित्रा सिंह और गुलाम अली ने उनकी कई ग़ज़लें और नज़्में गाई हैं । उनकी बीस से भी ज्यादा किताबें शाया हो चुकी हैं ।

इस पहेली के कई उत्तर हमें प्राप्त हुये जो सही थे सबसे पहले प्राप्त होने वाला उत्तर सुश्री साधना वैद्य जी का रहा उसके उपरांत सुश्री ऋता शेखर मधु जी का उत्तर प्राप्त हुआ। अतः आज के विजेता पद को सुशोभित करने का अधिकार जाता है सुश्री साधना वैद्य जी को ।

और अब चर्चा इस पहेली के परिणाम पर

1-इस बार सही उत्तर भेजकर विजेता बनी हैं सुश्री साधना वैद्य जी
2- और सही उत्तर भेजकर प्रथम उपविजेता बनी हैं सुश्री ऋता शेखर मधु जी।

3- और सही उत्तर भेजकर द्वितीय उपविजेता पर विराजमान हुए हैं श्री अरुन शर्मा जी।
4- और आज की पहेली में एक नये विजेता जुडे हैं श्री प्रकाश गोविन्द जी उनका इस पहेली पर स्वागत है हांलांकि उनका उत्तर बिवम्ब से मिला परन्तु वे आज के विशिष्ठ विजेता हैं श्री प्रकाश गोविन्द जी।

आज की पहेली का सही उत्तर खोज कर साहित्य पहेली को प्रेषित कर इसमें सक्रिय भाग लेने के लिये हार्दिक आभार और शुभकामनाये





सोमवार, 20 अगस्त 2012

हिंदी साहित्य पहेली 95 ईद मुबारक के लेखक को पहचानना है

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों

हिन्दी साहित्य पहेली के सभी सुधी पाठकजनों को ईद की मुबारकबाद ।

आज की हिन्दी साहित्य पहेली में आपको ईद के अवसर पर एक लोकप्रिय के लेखक द्वारा लिखी गयी निम्न रचना के रचनाकार को पहचानना है

ईद मुबारक


क्या आप पहचान गये हैं उस रचनाकार को ? तो फिर देर किस बात की जल्दी से जल्दी अपना उत्तर भेजें ताकि आपसे पहले उत्तर भेजकर कोई और इसका पहेली का विजेता न बन जाय।


ईद की हार्दिक शुभकामनाओं सहित।

मंगलवार, 14 अगस्त 2012

हिन्दी साहित्य पहेली 94 परिणाम और विजेता हैं श्री अरुन शर्मा जी।

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों,


इस पहेली का परिणाम

हिन्दी साहित्य पहेली 94 में आपको दिये गये कहानी के अंश के आधार पर कहानी और उसके रचनाकार को पहचानना था यह अंश था का अमृता प्रीतम की कहानी जंगली बूटी जिसे आप गद्यकोश पर पढ सकते है


गद्यकोश पर जंगली बूटी का लिंक है

इस प्रश्न के कई उत्तर हमें प्राप्त हुये जो सही थे सबसे पहले प्राप्त होने वाला उत्तर श्री अरुन शर्मा जी का रहा उसके उपरांत सुश्री साधना वैद जी,
का उत्तर प्राप्त हुआ। अतः आज के विजेता पद को सुशोभित करने का अधिकार जाता है श्री अरुन शर्मा जी को ।


और अब चर्चा इस पहेली के परिणाम पर


1-इस बार सही उत्तर भेज कर आज के विजेता पद पर विराजमान हुए हैं श्री अरुन शर्मा जी।

2- और सही उत्तर भेजकर प्रथम उपविजेता बनी हैं
सुश्री साधना वैद्य जी


आज की पहेली का सही उत्तर खोज कर साहित्य पहेली को प्रेषित कर इसमें सक्रिय भाग लेने के लिये हार्दिक आभार और शुभकामनाये




सोमवार, 13 अगस्त 2012

हिंदी साहित्य पहेली 94 कहानी के लेखक और इस रचना को पहचानना है

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों

आज की पहेली में एक लोकप्रिय लेखिका की लोकप्रिय कहानी का एक अंश जिसके आधार पर आपको इस कहानी के लेखक और इस रचना को पहचानना है
कहानी का अंश

माँ-बाप की, बहन-भाइयों की, और खेतों-खलिहानों की बातें करते हुए मैंने उससे पूछा, ‘‘अंगूरी, तुम्हारे गांव में शादी कैसे होती है ?’’
‘‘लड़की छोटी-सी होती है। पाँच-सात साल की, जब वह किसी के पाँव पूज लेती है।’’
‘‘कैसे पूजती है पाँव ?’’
‘‘लड़की का बाप जाता है, फूलों की एक थाली ले जाता है, साथ में रुपये, और लड़के के आगे रख देता है।’’
‘‘यह तो एक तरह से बाप ने पाँव पूज लिये। लड़की ने कैसे पूजे ?’’
‘‘लड़की की तरफ़ से तो पूजे।’’
‘‘पर लड़की ने तो उसे देखा भी नहीं ?’’
‘‘लड़कियाँ नहीं देखतीं।’’
‘‘लड़कियाँ अपने होने वाला ख़ाविन्द को नहीं देखतीं।’’
‘‘ना।’’
‘‘कोई भी लड़की नहीं देखती ?’’
‘‘ना।’’
पहले तो अंगूरी ने ‘ना’ कर दी पर फिर कुछ सोच-सोचकर कहने लगी, ‘‘जो लड़कियाँ प्रेम करती हैं, वे देखती हैं।’’
‘‘तुम्हारे गाँव में लड़कियाँ प्रेम करती हैं ?’’
‘‘कोई-कोई।’’
‘‘जो प्रेम करती हैं, उनको पाप नहीं लगता ?’’ मुझे असल में अंगूरी की वह बात स्मरण हो आयी थी कि औरत को पढ़ने से पाप लगता है। इसलिए मैंने सोचा कि उस हिसाब से प्रेम करने से भी पाप लगता होगा।
‘‘पाप लगता है, बड़ा पाप लगता है।’’ अंगूरी ने जल्दी से कहा।
‘‘अगर पाप लगता है तो फिर वे क्यों प्रेम करती हैं ?’’
‘‘जे तो...बात यह होती है कि कोई आदमी जब किसी की छोकरी को कुछ खिला देता है तो वह उससे प्रेम करने लग जाती है।’’
‘‘कोई क्या खिला देता है उसको ?’’



विचार करिये कि क्या उत्तर दिया होगा अंगूरी ने इस सवाल का । अंगूरी द्वारा दिया गया उत्तर ही इस पहेली का हल है

क्या आप पहचान गये हैं उस रचना को ? तो फिर देर किस बात की जल्दी से जल्दी अपना उत्तर भेजें ताकि आपसे पहले उत्तर भेजकर कोई और इसका पहेली का विजेता न बन जाय।



हार्दिक शुभकामनाओं सहित।

मंगलवार, 7 अगस्त 2012

हिन्दी साहित्य पहेली 93 का परिणाम विजेता श्री रूप चंद शास्त्री जी

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों

इस बार की हिन्दी साहित्य पहेली में आपको कितने पाकिस्तान उपन्यास के मुखपृष्ठ को परख कर इसमें अंकित परिवर्तन को इंगित करना था और आप सभी सुधी पाठकाजनों ने इसे बखूबी परखा भी । इस चित्र में जो परिवर्तन किया गया था वह था लेखक के नाम का! यह अमृता प्रीतम जी की कृति नहीं है ! 'कितने पाकिस्तान' उपन्यास श्रीयुत कमलेश्वर जी का लिखा हुआ है
इस उपन्यास का वास्तविक मुखपृष्ठ निम्न प्रकार है



और अब चर्चा इस पहेली के परिणाम पर

1- इस बार कितने पाकिस्तान उपन्यास के मुखपृष्ठ को परख कर सबसे पहले कमी इंगित की आदरणीय श्री रूप चंद शास्त्री जी ने जो इस पहेली के विजेता बने हैं


2-इस बार दूसरा सही उत्तर भेजकर उपविजेता बनी हैं
सुश्री साधना वैद्य जी



आज की पहेली का सही उत्तर खोज कर साहित्य पहेली को प्रेषित कर इसमें सक्रिय भाग लेने के लिये हार्दिक आभार और शुभकामनाये




सोमवार, 6 अगस्त 2012

हिन्दी साहित्य पहेली 93 उपन्यास के परिवर्तन को पहचानना है?

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों



आज की पहेली उर्दू साहित्य की एक प्रमुख हस्ती पर आधारित है । इस बार की हिन्दी साहित्य पहेली एक उपन्यास के मुखपृष्ठ पर आधारित है । इस पहेली के साथ एक प्रसिद्ध हिन्दी उपन्यास ‘कितने पाकिस्तान ’का मुखपृष्ठ प्रकाशित किया गया है परन्तु इसमें एक खास परिवर्तन भी किया गया है।

इस परिवर्तन को पहचानना ही आज की पहेली है। तो गौर से देखिये ‘अमृता प्रीतम’ रचित इस उपन्यास ‘कितने पाकिस्तान’को और उस खास परिवर्तन को पहचान कर आज की पहेली के विजेता बनिये।


क्या कहा उत्तर हेतु संकेत! अरे! संकेत तो उपर की पंक्तियों में पहले ही दिया जा चुका है।

क्या आप पहचान गये हैं उस रचना को ?
तो फिर देर किस बात की जल्दी से जल्दी अपना उत्तर भेजें ताकि आपसे पहले उत्तर भेजकर कोई और इसका पहेली का विजेता न बन जाय।



हार्दिक शुभकामनाओं सहित।