रविवार, 30 दिसंबर 2012

पहेली संख्या १०३ का परिणाम और विजेता अरुण शर्मा 'अनंत 'जी

सम्मानित चिट्ठाकारों ,
                          पहेली संख्या १०३   के विजेता हैं -
मेरा फोटो
       ''अरुण शर्मा 'अनंत 'जी  ,

         जिनका उत्तर विकिपीडिया से मुंशी प्रेम चंद जी के कहानी संग्रह ''सोजे वतन ''के विषय में दिया गए गद्यांश से पूरी तरह से मिलता है .

     

सोज़े वतन नामक कहनी संग्रह के रचनाकार नवाबराय (प्रेमचन्द) हैं। इसका प्रकाशन १९०८ में हुआ। इस संग्रह के कारण प्रेमचन्द को सरकार का कोपभाजन बनना पडा। सोज़े वतन का अर्थ है देश का मातम। इस संग्रह में पाँच कहानियाँ थीं। दुनिया का सबसे अनमोल रतन, शेख मखमूर, यही मेरा वतन है,शोक का पुरस्कार, और सांसारिक प्रेम। पाँचों कहानियाँ उर्दू भाषा में थीं। हमीरपुर के जिला कलेक्टर ने इसे देशद्रोही करार दिया और इसकी सारी प्रतियाँ जलवाकर नष्ट कर दीं। इसके बाद नवाबराय से वे प्रेमचन्द हो गए।
                         अरुण जी आपको हिंदी साहित्य पहेली १०३ के विजेता बानने पर बहुत बहुत बधाई व् नव वर्ष २०१३ की हिंदी साहित्य पहेली परिवार की ओर से बहुत बहुत शुभकामनायें
                 शालिनी कौशिक

गुरुवार, 20 दिसंबर 2012

हिंदी साहित्य पहेली -१०३

सोज़े-वतन



सोज़े वतन नामक कहानी  संग्रह के रचनाकार.[क]................ हैं। इसका प्रकाशन १९०८ में हुआ। इस संग्रह के कारण [ख]........................को सरकार का कोपभाजन बनना पडा। सोज़े वतन का अर्थ है देश का मातम। इस संग्रह में पाँच कहानियाँ थीं। [ग ]................. शेख मखमूर, यही मेरा वतन है,शोक का पुरस्कार, और सांसारिक प्रेम। पाँचों कहानियाँ । [घ]..................... जिला कलेक्टर ने इसे देशद्रोही करार दिया और इसकी सारी प्रतियाँ जलवाकर नष्ट कर दीं। इसके बाद .[ड़ ].............................. हो गए।


1-दुनिया के सबसे अनमोल रत्न 
2-उर्दू भाषा में थीं
3- प्रेमचन्द
4-नवाबराय से वे प्रेमचंद
5- प्रेमचन्द
                        उपरोक्त रिक्त स्थानों में निम्न संकेत शब्दों का स्थान बताएं और हिंदी साहित्य पहेली -103 के विजेता बनें .
                        शालिनी कौशिक