सोज़े-वतन
सोज़े वतन नामक कहानी संग्रह के रचनाकार.[क]................ हैं। इसका प्रकाशन १९०८ में हुआ। इस संग्रह के कारण [ख]........................को सरकार का कोपभाजन बनना पडा। सोज़े वतन का अर्थ है देश का मातम। इस संग्रह में पाँच कहानियाँ थीं। [ग ]................. शेख मखमूर, यही मेरा वतन है,शोक का पुरस्कार, और सांसारिक प्रेम। पाँचों कहानियाँ । [घ]..................... जिला कलेक्टर ने इसे देशद्रोही करार दिया और इसकी सारी प्रतियाँ जलवाकर नष्ट कर दीं। इसके बाद .[ड़ ].............................. हो गए।
1-दुनिया के सबसे अनमोल रत्न
2-उर्दू भाषा में थीं
3- प्रेमचन्द
4-नवाबराय से वे प्रेमचंद
5- प्रेमचन्द
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शालिनी कौशिक
सोज़े वतन नामक कहानी संग्रह के रचनाकार नवाबराय प्रेमचन्द हैं। इसका प्रकाशन १९०८ में हुआ। इस संग्रह के कारण प्रेमचन्द को सरकार का कोपभाजन बनना पडा। सोज़े वतन का अर्थ है देश का मातम। इस संग्रह में पाँच कहानियाँ थीं। दुनिया के सबसे अनमोल रत्न शेख मखमूर, यही मेरा वतन है,शोक का पुरस्कार, और सांसारिक प्रेम। पाँचों कहानियाँ । हमीरपुर के जिला कलेक्टर ने इसे देशद्रोही करार दिया और इसकी सारी प्रतियाँ जलवाकर नष्ट कर दीं। इसके बाद नवाबराय से वे प्रेमचंद हो गए।
जवाब देंहटाएंसादर
अरुन शर्मा
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