सम्मानित चिट्ठाकारों ,
पहेली संख्या १०३ के विजेता हैं -
जिनका उत्तर विकिपीडिया से मुंशी प्रेम चंद जी के कहानी संग्रह ''सोजे वतन ''के विषय में दिया गए गद्यांश से पूरी तरह से मिलता है .
पहेली संख्या १०३ के विजेता हैं -
''अरुण शर्मा 'अनंत 'जी , |
जिनका उत्तर विकिपीडिया से मुंशी प्रेम चंद जी के कहानी संग्रह ''सोजे वतन ''के विषय में दिया गए गद्यांश से पूरी तरह से मिलता है .
सोज़े वतन नामक कहनी संग्रह के रचनाकार नवाबराय (प्रेमचन्द) हैं। इसका प्रकाशन १९०८ में हुआ। इस संग्रह के कारण प्रेमचन्द को सरकार का कोपभाजन बनना पडा। सोज़े वतन का अर्थ है देश का मातम। इस संग्रह
में पाँच कहानियाँ थीं। दुनिया का सबसे
अनमोल रतन, शेख मखमूर, यही मेरा वतन है,शोक का पुरस्कार, और सांसारिक प्रेम। पाँचों कहानियाँ उर्दू भाषा में थीं। हमीरपुर के जिला कलेक्टर ने इसे देशद्रोही करार दिया और इसकी सारी प्रतियाँ जलवाकर
नष्ट कर दीं। इसके बाद नवाबराय से वे प्रेमचन्द हो गए।
अरुण जी आपको हिंदी साहित्य पहेली १०३ के विजेता बानने पर बहुत बहुत बधाई व् नव वर्ष २०१३ की हिंदी साहित्य पहेली परिवार की ओर से बहुत बहुत शुभकामनायें
शालिनी कौशिक
शालिनी कौशिक
आभार शालिनी जी आपको, पहेली परिवार को एवं समस्त ब्लॉगर परिवार को बंध-बंधुओं सहित नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं. सादर आभार अरुन शर्मा
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंअरुण जी को बधाई !!
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार आदरणीया शिखा जी एवं मधु जी. सादर
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