प्रिय पाठकगण तथा चिट्ठाकारों,
बच्चों के लिये अनुपम साहित्य लिखने वाले एक प्रसिद्ध लेखक एक बार बच्चों के साथ खेल रहे थे। उन्हें बच्चों के साथ खेलने में बड़ा आनंद मिलता था। उनके साथ खेलते समय वह हर तरह की समस्या व परेशानी को भूल जाते थे। तभी उनका एक मित्र वहां आ पहुंचा। लेखक को बच्चों के साथ खेलते देखकर वह बोला,
इस पहेली में हल हेतु कोई संकेत नहीं,
तो फिर देर किस बात की तत्काल अपना उत्तर भेजें ताकि कोई और आपसे पहले पहेली का उत्तर भेजकर पहेली का विजेता न बन जाय।
शुभकामनाओं सहित
पहचानिये कि बच्चों के लिये अनुपम साहित्य लिखने वाले कौन से प्रसिद्ध लेखक से जुडा प्रेरक प्रसंग हो सकता है यह?
बच्चों के लिये अनुपम साहित्य लिखने वाले एक प्रसिद्ध लेखक एक बार बच्चों के साथ खेल रहे थे। उन्हें बच्चों के साथ खेलने में बड़ा आनंद मिलता था। उनके साथ खेलते समय वह हर तरह की समस्या व परेशानी को भूल जाते थे। तभी उनका एक मित्र वहां आ पहुंचा। लेखक को बच्चों के साथ खेलते देखकर वह बोला,
'पंडित जी, आप इतने महान विद्वान होकर भी बच्चों के बीच खेल रहे हैं? क्या आपको यह शोभा देता है? मुझे आप जैसे विद्वान को बच्चों के साथ खेलते देखकर अत्यंत अचरज हो रहा है।'
यह सुनकर लेखक बोले,
'क्यों, इसमें अचरज की क्या बात है? खेलने से दिमाग स्वस्थ रहता है। खेल के माध्यम से व्यक्ति अपनी पीड़ा और दुख को भूल जाता है।'
इस पर उनके मित्र बोले,
'पर आप तो बड़े लेखक हैं । खेलने से आपका अमूल्य समय नष्ट नहीं होता? आप यह सोचिए न कि जितनी देर आप बच्चों के साथ खेल रहे हैं, उतनी ही देर में किसी अच्छी रचना का सृजन कर सकते हैं।'
मित्र की बात पर लेखक मुस्कराने लगे और मित्र से बोले,
'तुम लेखक नहीं हो न, इसलिए इस तरह की बातें कर रहे हो वरना तुम ऐसा कभी नहीं कहते। शायद तुम नहीं जानते कि बच्चों के साथ खेल कर, उनके बीच रहकर ही मैं उनके हाव-भाव को कुशलता से समझ कर अपनी रचना में उतार पाता हूं। बच्चों को जाने-समझे बिना भला उनके बारे में लिखना कैसे संभव है? अब तुम्हीं बताओ कि यदि तुम्हारा खाना खाने का मन हो और तुम्हें खाना बनाना न आता हो तो क्या तुम अच्छा खाना बना पाओगे?'
मित्र बोला,
'नहीं पंडित जी, मैं आपकी बात का अर्थ समझ गया। आप बिल्कुल सही कह रहे हैं। बच्चों के लिए लिखने से पहले वाकई उनके भाव और कल्पनाओं का ज्ञान जरूरी है।'
यह कहकर उनका मित्र चला गया और लेखक फिर से बच्चों के साथ खेलने में रम गए।
इस पहेली में हल हेतु कोई संकेत नहीं,
तो फिर देर किस बात की तत्काल अपना उत्तर भेजें ताकि कोई और आपसे पहले पहेली का उत्तर भेजकर पहेली का विजेता न बन जाय।
शुभकामनाओं सहित
lambe antraal ke baad prakat huye hain .swagat hai .
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत स्वागत है अशोक जी .
जवाब देंहटाएंसंभवतः विष्णु शर्मा ।
जवाब देंहटाएंविजय दशमी की हार्दिक शुभ कामनाएँ!
सादर
बहुत बहुत स्वागत है अशोक जी .ज्ञानवर्धक पहेली के लिए आभार
जवाब देंहटाएंडाक्टर कन्हैयालाल नंदन
जवाब देंहटाएंविष्णु शर्मा
जवाब देंहटाएंविष्णु शर्मा
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