प्रिय पाठकगण तथा चिट्ठाकार मित्रों,
इस प्रसिद्ध शायर का नाम आज सफलता की उस बलंदी के लिए जाना जाता है जहाँ तक जाने के लिए हर कोई बेताब खड़ा है।
यह प्रसिद्ध शायर उन चंद नामी शायरों में से एक हैं जिन्होंने अपने गीतों, नज़्मों और कहानियों के लिए ख़्याति पायी। कुछ आगे ज़िक्र करूँ इससे पहले बताना चाहूँगा आज लगभग हर हिन्दी स्कूल में करायी जाने वाली प्रार्थना हम को मन की शक्ति देना दाता, मन विजय करें यह प्रसिद्ध शायर का लिखा एक गीत है जो फ़िल्म गुड्डी से है। बच्चों के लिए लिखी गयी रचनाएँ जितनी यह प्रसिद्ध शायर की सबकी ज़बाँ पर चढ़ीं शायद ही और कोई इतनी सरलता से हर नन्हें दिल में अपनी जगह बना पाया हो। अगर हम बात करें इस प्रसिद्ध शायर द्वारा लिखे बाल-गीतों की तो सबसे पहले जंगल बुक का टायटल गीत
जंगल-जंगल बात चली पता चला है, चड्ढी पहन के फूल खिला है फूल खिला है याद आता है,
और भी हैं जैसे एलिस इन वन्डर लैण्ड का टिप-टिप टोपी-टोपी,
काबुली वाला का आया झुन्नू वाला बाबा और अन्य कई फ़िल्मी गीत जैसे फ़िल्म मकड़ी का ए पापड़वाले पंगा न ले।
इस प्रसिद्ध शायर ने जब फ़िल्मी दुनिया में अपना स्थान बनाना चाहा तो उन्हें मौक़ा मिला बिमल राय जैसे महान फ़िल्मकार के साथ काम करने का, जिनसे उन्होंने निर्देशन का काम भली तरह समझा। फिर कोमल, सफल और सार्थक गीत लिखे, उनका हाथ यहीं तक सीमित नहीं रहा, आपने कई फ़िल्मों के लिए कथाएँ, पटकथाएँ और संवाद भी लिखे। जब फ़िल्म निर्देशन में उतरे तो ऐसी संवेदनशील, मार्मिम और हृदयस्पर्शी फ़िल्मों का निर्माण किया जिन्होंने फ़िल्म जगत में एक आन्दोलन ला दिया कि फ़िल्में सिर्फ़ चटपटी नहीं सादे-साधारण लोगों के जीवन पर आधारित भी हो सकती हैं और फ़िल्म देखने वालों के दिल में अपना नाम दर्ज़ करा सकने में गुल्ज़ार सफल होते चले गये और बस सफलता उनके पंख बन गयी जो कभी कटे नहीं और आज भी आकाश में दूर तक उड़ने को सदा तत्पर हैं।
कुछ फ़िल्मों के नाम हैं जो सदा याद की जाती है और याद रखी जायेंगी, मेरे अपने, अचानक, परिचय, आँधी, मौसम, ख़ुशबू, मीरा, किनारा, नमकीन, लेकिन, लिबास, माचिस, इत्यादि।
इस प्रसिद्ध शायर का नाम आज सफलता की उस बलंदी के लिए जाना जाता है जहाँ तक जाने के लिए हर कोई बेताब खड़ा है।
यह प्रसिद्ध शायर उन चंद नामी शायरों में से एक हैं जिन्होंने अपने गीतों, नज़्मों और कहानियों के लिए ख़्याति पायी। कुछ आगे ज़िक्र करूँ इससे पहले बताना चाहूँगा आज लगभग हर हिन्दी स्कूल में करायी जाने वाली प्रार्थना हम को मन की शक्ति देना दाता, मन विजय करें यह प्रसिद्ध शायर का लिखा एक गीत है जो फ़िल्म गुड्डी से है। बच्चों के लिए लिखी गयी रचनाएँ जितनी यह प्रसिद्ध शायर की सबकी ज़बाँ पर चढ़ीं शायद ही और कोई इतनी सरलता से हर नन्हें दिल में अपनी जगह बना पाया हो। अगर हम बात करें इस प्रसिद्ध शायर द्वारा लिखे बाल-गीतों की तो सबसे पहले जंगल बुक का टायटल गीत
जंगल-जंगल बात चली पता चला है, चड्ढी पहन के फूल खिला है फूल खिला है याद आता है,
और भी हैं जैसे एलिस इन वन्डर लैण्ड का टिप-टिप टोपी-टोपी,
काबुली वाला का आया झुन्नू वाला बाबा और अन्य कई फ़िल्मी गीत जैसे फ़िल्म मकड़ी का ए पापड़वाले पंगा न ले।
इस प्रसिद्ध शायर ने जब फ़िल्मी दुनिया में अपना स्थान बनाना चाहा तो उन्हें मौक़ा मिला बिमल राय जैसे महान फ़िल्मकार के साथ काम करने का, जिनसे उन्होंने निर्देशन का काम भली तरह समझा। फिर कोमल, सफल और सार्थक गीत लिखे, उनका हाथ यहीं तक सीमित नहीं रहा, आपने कई फ़िल्मों के लिए कथाएँ, पटकथाएँ और संवाद भी लिखे। जब फ़िल्म निर्देशन में उतरे तो ऐसी संवेदनशील, मार्मिम और हृदयस्पर्शी फ़िल्मों का निर्माण किया जिन्होंने फ़िल्म जगत में एक आन्दोलन ला दिया कि फ़िल्में सिर्फ़ चटपटी नहीं सादे-साधारण लोगों के जीवन पर आधारित भी हो सकती हैं और फ़िल्म देखने वालों के दिल में अपना नाम दर्ज़ करा सकने में गुल्ज़ार सफल होते चले गये और बस सफलता उनके पंख बन गयी जो कभी कटे नहीं और आज भी आकाश में दूर तक उड़ने को सदा तत्पर हैं।
कुछ फ़िल्मों के नाम हैं जो सदा याद की जाती है और याद रखी जायेंगी, मेरे अपने, अचानक, परिचय, आँधी, मौसम, ख़ुशबू, मीरा, किनारा, नमकीन, लेकिन, लिबास, माचिस, इत्यादि।
इस पहेली में हल हेतु कोई संकेत नहीं,
तो फिर देर किस बात की तत्काल अपना उत्तर भेजें ताकि कोई और आपसे पहले पहेली का उत्तर भेजकर पहेली का विजेता न बन जाय।
शुभकामनाओं सहित
तो फिर देर किस बात की तत्काल अपना उत्तर भेजें ताकि कोई और आपसे पहले पहेली का उत्तर भेजकर पहेली का विजेता न बन जाय।
शुभकामनाओं सहित
गुलज़ार
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जवाब देंहटाएंगुलज़ार
जवाब देंहटाएंइन प्रसिद्द शायर का नाम है 'गुलज़ार '!
जवाब देंहटाएंफ़िल्म देखने वालों के दिल में अपना नाम दर्ज़ करा सकने में गुल्ज़ार सफल होते चले गये
जवाब देंहटाएंGULZAR
जवाब देंहटाएंaapne itne beshumar hint diye hain ki koyi bhi dimaag ka andha bata dega :-)
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