बुधवार, 31 अगस्त 2011

अरे ! इस बार की हिन्दी साहित्य पहेली की उपविजेता सुश्री साधना वैद जी के सुझाव

अरे ! इस बार की हिन्दी साहित्य पहेली की उपविजेता सुश्री साधना वैद जी के सुझाव की गंभीरता को समझते हुये यह निश्चित किया है कि अब मेरे द्वारा पूछी जाने वाली पहेली प्रत्येक सोमवार को दिन में 1 बजकर तीस मिनट पर पूछी जायेगी और परिणाम के लिये तो सही उत्तर प्राप्त होने की बाघ्यता है ना सो कम से कम एक दिन तो दिया ही जायेगा या फिर सही उत्तर प्राप्त होने तक, अधिकमत तीन दिन, और शालिनी बहन की पहेली पूछने का समय तो पूर्व से ही निश्चित है शनिवार दोपहर से लेकर रात्रि 10 बजे के बीच । कोशिश करेंगे कि शनिवार को भी दिन में एक बजकर तीस मिनट के लगभग ही पूछी जाय । यह ठीक रहेगा ना, साधना जी ! अन्य सुधी पाठकजन कृपया अपनी राय भी दें ताकि हम इस पहेली को और अधिक आकर्षक बनाकर आपकी अधिकतम सहभागिता ले सकें।

मंगलवार, 30 अगस्त 2011

पहेली संख्या-४३ का सही परिणाम और विजेता ER. सत्यम शिवम् जी

प्रिय  चिट्ठाकारों ,
     पहेली संख्या -४३ का सही उत्तर है -
   ''भगवती चरण वर्मा ''और ये पंक्तियाँ ली गयी हैं -उनके उपन्यास ''चित्रलेखा'' से .
   और सही उत्तर सर्वप्रथम भेजकर विजेता बने हैं-
श्री सत्यम  शिवम् जी 
सत्यम जी विजेता बनने पर आपको हमारी हार्दिक शुभकामनायें-

और उपविजेता बनी हैं-
सुश्री साधना वैद जी
साधना जी लगातार तीसरी बार उपविजेता बनने आपको हम सभी की ओर से बहुत बहुत शुभकामनायें
आप दोनों को हिंदी साहित्य पहेली में पूरे उत्साह से भाग लेने हेतु बहुत बहुत धन्यवाद्.
और अंत में ऐसी शानदार ज्ञानवर्धक प्रस्तुति के लिए डॉ.अशोक शुक्ल जी का हार्दिक धन्यवाद्

शालिनी कौशिक  






सोमवार, 29 अगस्त 2011

हिन्दी साहित्य पहेली 43 ‘जन्मदिवस की शुभकामनाऐं’

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों,

30 अगस्त सन् 1903 में तत्कालीन यूनाइटेड प्राविन्स वर्तमान उत्तर प्रदेश के जनपद उन्नाव की तहसील सफीपुर में एक सम्भा्न्त कायस्थ परिवार में एक कालजयी लेखक का जन्म हआ था। इन्होंने कविता , उपन्यास, कहानी , निबंध और नाटक लिखकर साहित्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की है।
आज की पहेली के केन्द्र में ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में लिखा गया इनका एक लोकप्रिय उपन्यास है। इस उपन्यास में एक महान योगी कुमारगिरि और भोग-विलास और वासना में लिप्त शासक बीजगुप्त के चरित्रों की पारस्परिक तुलना में अप्रत्याशित रूप से पाप और पुण्य की नयी परिभाषा गढ़ी गयी हैं। इसी निष्कर्ष के साथ यह उपन्यास समाप्त होता है:-


रविवार, 28 अगस्त 2011

पहेली संख्या-४२ का सही परिणाम और विजेता डॉ.दर्शन लाल बवेजा जी

प्रिय चिट्ठाकारों,
   पहेली संख्या-४२ का सही उत्तर है-
''१-नाभादास जी''
और सही उत्तर सर्वप्रथम देकर विजेता के पद  पर विराजमान हुए हैं-
डॉ.दर्शन लाल बवेजा जी
और
उपविजेता के पद को सुशोभित किया है
सुश्री साधना वैद जी ने 
आप दोनों विजेताओं को
हिंदी साहित्य पहेली परिवार की ओर से हार्दिक शुभकामनायें.

शालिनी कौशिक 


शनिवार, 27 अगस्त 2011

पहेली संख्या -४२

प्रिय चिट्ठाकारों ,
        



  कृष्ण भक्ति  से ओत-प्रोत है ये महीना और  इसमें महान कृष्ण भक्त कवि सूरदास  की चर्चा न  की जाये  ऐसा  तो  संभव   ही   नहीं   है   .पर   आज   उनकी   चर्चा एक अनोखे ढंग    में   की  जा   रही   है  और वह यह कि उनके बारे में अन्य कृष्ण भक्त कवियों  ने  भी  कुछ कहा  है .तो आज हम  लेकर  आये  हैं एक ऐसी  ही पहेली  जिसमे   एक अन्य कृष्ण भक्त ने उनके बारे में अपने  विचार   कुछ यूँ  प्रस्तुत  किये हैं-
'' उक्ति ओज अनुप्रास  बरन स्थिति अति भारी ,
  बचत  प्रीती  निर्वाह अर्थ  अद्भुत  तुक  भारी .
    प्रतिबिंबित दिवि दृष्टि ह्रदय  हरि लीला  भासी ,
    जन्म कर्म गुण रूप  राग रसना परकासी.''
       इस पद्य  में सूर की काव्य  सम्बन्धी  सभी  विशेषताएं  आ  जाती हैं किन्तु ये  सूर  की नहीं हैं अब  आपको  ये बताना  है कि ये पंक्तियाँ सूरदास जी के  बारे में किस  अन्य कृष्ण भक्त कवि ने कही  हैं विकल्प  ये हैं-
1-नाभादास  जी
२-आचार्य शुक्ल जी
3-महा प्रभु वल्लभाचार्य  जी
4-वियोगि हरि जी 

 चलिए डॉ.अशोक  शुक्ल  जी के पथ का अनुसरण करते हुए हम भी आपको एक संकेत  दे  रहे हैं.जो ये है कि कवि अपनी एक प्रसिद्द रचना ''भक्त.....''के लिए  भी प्रसिद्द हैं.तो अब दीजिये उत्तर अति शीघ्र और बनिए विजेता.
शर्ते वही:


शालिनी कौशिक 

बुधवार, 24 अगस्त 2011

हिंदी साहित्य पहेली -४१ का परिणाम और विजेता-श्री श्याम सुन्दर जी

हिंदी साहित्य पहेली-४१ का सही उत्तर है-

''नरोत्तमदास कृत सुदामाचरित ''

                                सर्वप्रथम -सर्वशुद्ध  हल देकर विजेता बने हैं -

[श्री श्याम सुन्दर जी ]
श्याम  सुन्दर  जी  को  हमारी ओर से हार्दिक शुभकामनायें !

सही उत्तर पूर्ण रूप से साधना जी का श्याम सुन्दर जी के पश्चात् प्राप्त हुआ इसलिए उन्हें उप-विजेता घोषित किया जाता है -
[सुश्री साधना वैद जी ]
साधना जी को हमारी ओर से हार्दिक शुभकामनायें
शिखा कौशिक 





                         



सोमवार, 22 अगस्त 2011

हिन्दी साहित्य पहेली 41

श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ


प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों,
आप सभी को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ।हिन्दी साहित्य पहेली 40 में आप सुधीजनों की सहभागिता तथा उसके परिणाम ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आप सबकी रूचि पहेली हल प्रस्तुत करने में कम हो गयी है अथवा इसका हल भेजने के लिये आपको पर्याप्त समय नहीं मिला? कारण दोनो मे से कोई भी हो सकता है अतः मैं अपनी ओर से यह सुझाव रखते हुये नयी पहेली 41 प्रस्तुत कर रहा हूँ कि इसके परिणामों की घोषणा किये जाने से पहले आपको हल प्रस्तुत करने के लिये पर्याप्त समय दिया जायेगा।यह मेरा सुझाव है इस पर अपनी राय व्यक्त करते हुये पहेली का हल शीघ्रता के साथ भेजें।

रविवार, 21 अगस्त 2011

पहेली संख्या -४० का सही परिणाम :कोई विजेता नहीं

प्रिय चिट्ठाकारों,
     पहेली संख्या-४० का हमें कोई उत्तर प्राप्त नहीं हुआ .सही उत्तर है-
१-जगदीश श्रीवास्तव.
   ये   नवगीत  अर्द्धशती   से  लिया गया है.
              आप सभी को जन्माष्टमी पर्व की बहुत बहुत शुभकामनायें 

शनिवार, 20 अगस्त 2011

पहेली संख्या-४०

प्रिय चिट्ठाकारों ,
          आज समय नवचेतना का है.देश में चारों ओर भ्रष्टाचार के विरूद्ध लोगों में नवचेतना का उदय हो रहा है.ऐसे में आज की पहेली इस परिस्थिति से कैसे पृथक  रह सकती है?
    नवगीत में राष्ट्र का एक मूर्त स्वरुप सामने आता है .नवगीत के कवियों ने प्रकृति शोषण के विरुद्ध जितना ओर जैसा रचनात्मक क्रोध व्यक्त किया है वह अन्यत्र दुर्लभ है .जंगलों का विनाश ,पहाड़ों को नंगा करना ओर नदियों को बांधकर उसको बहुआयामी प्रयोजनशीलता से काटकर मात्र ऊर्जा का स्रोत बना देना न तो युक्ति संगत है और न विकास का सच्चा पक्षधर -सोम ठाकुर ,अनूप अशेष  आदि के गीत इस दिशा में महत्वपूर्ण हैं .राष्ट्र के विकास में बाधक तत्वों के प्रति नवगीत में गहरी चिंता व्यक्त की गयी है -
''ठंडा खून गरम है ,नारे बेच रहे ईमान.
लिए कटोरा घूम रहा है सारा हिंदुस्तान.
सिर्फ आंकड़े अख़बारों में छपे तबाही के .
सत्य यहाँ पीछे चलता है सदा  गवाही के.''
अब प्रश्न-
ये पंक्तियाँ किसके नवगीत से ली गयी हैं-
१- जगदीश श्रीवास्तव
२-डॉ.सत्येन्द्र शर्मा
३-रमेश चन्द्र शुक्ल
४- उमाकांत मालवीय
     कोई विकल्प नहीं-शर्ते वही:
शालिनी कौशिक

बुधवार, 17 अगस्त 2011

पहेली संख्या-३९ का सही परिणाम और विजेता ''सत्यम शिवम्''

प्रिय चिट्ठाकारों,
          पहेली संख्या-३९ का सही परिणाम है-
   ''अमृता प्रीतम जी''
और पहेली   का सही उत्तर देकर विजेता बने हैं -
ER .सत्यम शिवम् जी
सत्यम जी आपको हिंदी साहित्य पहेली  परिवार की ओर से हार्दिक शुभकामनायें

साथ ही हम बहुत बहुत आभारी हैं डॉ.अशोक कुमार  शुक्ल  जी के जिन्होंने हिंदी साहित्य पहेली परिवार में सम्मिलित हो और इसे एक नवीन  स्वरुप प्रदान कर हमें कृतार्थ किया.

                     

सोमवार, 15 अगस्त 2011

हिंदी साहित्य पहेली 39

प्रिय चिट्ठाकारों
पिछले तीन सप्ताहों मे हिंदी साहित्य पहेली के अंतरगत पूछे गये सवालों के सही जवाब देकर हैट्रिक लगाने की एवज में आदरणीय शालिनी जी के द्वारा मुझे भी इस साहित्य पहेली में योगदान कर्ता के रूप में सम्मिलित कर लिया गया है। इसका पहला सीधा सा अर्थ तो यह है कि अब मै कभी इस हिंदी साहित्य पहेली में विजेता बनकर उनसे मेडल और गुलाब के फूल नहीं पा सकूँगा जिसका मुझे मलाल रहेगा परन्तु इसका दूसरा अर्थ अधिक गंभीर है वह यह कि अब मुझे एक निर्णायक की भूमिका का निर्वहन भी करना होगा जो अनेक अवसरों पर दुरूह हो सकता है अतः मै इस अनुरोघ के साथ हिंदी साहित्य पहेली 39 में यह कडी जोड रहा हूँ कि इसके परिणामों की घोषणा संस्थापक योगदानकर्ताओं द्वारा ही की जायेगी। संस्थापक योगदानकर्ताओं शालिनी जी तथा शिखा जी से स्नेह और सहयोग की आशा के साथ आप सभी सुधी पाठक बंधुओं का आशीष भी चाहूँगा। अभी हाल ही में भाई बहिन के प्रेम के प्रतीक पर्व रक्षाबंधन बीता है सो इस सप्ताह की पहेली पूछने से पहले रक्षाबंधन के अवसर पर भाई बहिन के प्रेम की अनोखी मिसाल से परिचय करवाना चाहता हूँ जो इस प्रकार हैः-

बहन की इस स्थिति के लिये स्वयं को ही उत्तरदायी मानते हुये स्वयं भी गेरूवे वस्त्र पहन लिये

रविवार, 7 अगस्त 2011

पहेली संख्या -38 का परिणाम और विजेता .


प्रिय चिट्ठाकारों,
        पहेली संख्या-३८ का सही उत्तर है -
''मूर्ख को उपदेश  देना व्यर्थ है.''

           और सही उत्तर भेजकर इस बार भी विजेता बने हैं और सबसे ख़ुशी की बात ये है कि ये लगातार तीसरी बार विजेता बन क्रिकेट की भाषा में ''हैटट्रिक'' लगा रहे हैं.
डॉ.अशोक कुमार शुक्ल जी 
डॉ.साहब आपको  विजेता बनने व् मित्रता  दिवस की बहुत बहुत शुभकामनायें.

                   

शनिवार, 6 अगस्त 2011

पहेली संख्या -३८

प्रिय चिट्ठाकारों,
           आज का प्रश्न है-[आज की पहेली कुछ अलग] इस  कहावत के सही अर्थ  क्या हैं-
''ऊसर बरसे त्रण नहीं जामें ''-     [गूगल   बाबा   त्रण का सही अनुवाद    नहीं कर  पाए    इसीलिए   ऐसे    ही   दे   रहे   हैं यहाँ  त्रण का अर्थ घास है.]अब   आप   इस   पहेली का सही अर्थ बताएं   .विकल्प निम्नलिखित हैं-
1-ऊसर भूमि में घास नहीं उगती.
२-ऊसर भूमि में सुधार  संभव है .
३-मूर्ख को उपदेश देना व्यर्थ है.
४-उपदेश देने से मूर्ख भी विद्वान   बन जाता है.
               शर्ते वही :