प्रिय चिट्ठाकारों ,
कृष्ण भक्ति से ओत-प्रोत है ये महीना और इसमें महान कृष्ण भक्त कवि सूरदास की चर्चा न की जाये ऐसा तो संभव ही नहीं है .पर आज उनकी चर्चा एक अनोखे ढंग में की जा रही है और वह यह कि उनके बारे में अन्य कृष्ण भक्त कवियों ने भी कुछ कहा है .तो आज हम लेकर आये हैं एक ऐसी ही पहेली जिसमे एक अन्य कृष्ण भक्त ने उनके बारे में अपने विचार कुछ यूँ प्रस्तुत किये हैं-
'' उक्ति ओज अनुप्रास बरन स्थिति अति भारी ,
बचत प्रीती निर्वाह अर्थ अद्भुत तुक भारी .
प्रतिबिंबित दिवि दृष्टि ह्रदय हरि लीला भासी ,
जन्म कर्म गुण रूप राग रसना परकासी.''
इस पद्य में सूर की काव्य सम्बन्धी सभी विशेषताएं आ जाती हैं किन्तु ये सूर की नहीं हैं अब आपको ये बताना है कि ये पंक्तियाँ सूरदास जी के बारे में किस अन्य कृष्ण भक्त कवि ने कही हैं विकल्प ये हैं-
1-नाभादास जी
२-आचार्य शुक्ल जी
3-महा प्रभु वल्लभाचार्य जी
4-वियोगि हरि जी
चलिए डॉ.अशोक शुक्ल जी के पथ का अनुसरण करते हुए हम भी आपको एक संकेत दे रहे हैं.जो ये है कि कवि अपनी एक प्रसिद्द रचना ''भक्त.....''के लिए भी प्रसिद्द हैं.तो अब दीजिये उत्तर अति शीघ्र और बनिए विजेता.
शर्ते वही:
शालिनी कौशिक
शर्ते वही:
शालिनी कौशिक
नाभादास जी
जवाब देंहटाएंयह कवि हैं
जवाब देंहटाएंनाभादास जी
इनकी प्रसिद्ध कृति है
भक्तमाल