मंगलवार, 28 फ़रवरी 2012

हिन्दी साहित्य पहेली 70 परिणाम विजेता हैं श्री यशवंत माथुर जी

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों


साहित्य पहेली संख्या 70 के महान लेखक का नाम है आदरणीय महाकवि सुमित्रानेदन पंत जी

पर्वतीय क्षेत्रों में खिलने वाल पुष्प बुरांस अनेक स्थानीय लोककथाओं को समेटे है महाकवि सुमित्रानेदन पंत ने भी श्रेत्रीय कुमाउनी भाषा में इस पुष्प पर कुछ पंक्तियों लिखी हैं जो मुझे ब्लाग बैरंग पर मिलीं इन्हे आपके साथ साझा कर रहा हूं

शब्दार्थः सारे जंगल में तेरे जैसा कोई नहीं रे कोई नहीं फूलों से कहा बुरांस जंगल जैसे जल जाता है । सल्ल है देवदार है पइंया है अयांर है (यह सब पेडों की विभिन्न किस्में है) सबके फाग में पीठ का भार है फिर तुझमें जवानी का फाग है।रगों में तेरे लौ है प्यार का खुमार है।

इस बार पुनः सबसे पहले सही उत्तर भेजकर विजेता के पद पर विराजमान हुये हैं श्री यशवंत माथुर जी

और थोडे से बिलम्ब के साथ सही उत्तर देकर आज के प्रथम उप विजेता के पद पर विराजमान हुई हैं सुश्री साधना वैद जी

और थोडे से बिलम्ब के साथ सही उत्तर देकर द्वितीय उपविजेता पद पर विराजमान हुये हैं श्री दर्शन लाल जी बावेजा जी

और बिलम्ब के साथ सही उत्तर देकर एक और अतिरिक्त उपविजेता के पद पर विराजमान हुए हैं-श्री सवाई सिंह राजपुरोहित जी



आप सभी को हिंदी साहित्य पहेली परिवार की ओर से हार्दिक शुभकामनायें और ढेरों बधाइयाँ।

3 टिप्‍पणियां:

  1. yashvant ji;sadhna ji; darshan ji -ko hardik shubhkamnayen .ashok ji ko bhi hardik shubhkamnayen .

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  2. धन्यवाद!
    साधना आंटी और दर्शन सर को भी हार्दिक बधाई!

    सादर

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  3. श्री यशवंत माथुर जी,आदरणीय साधनाजी,आदरणीय दर्शन जी को भी हार्दिक बधाई।

    " Ek Blog Sabka "

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