प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों
आज की पहेली एक ऐसे व्यक्तित्व पर आधारित है जिसका नाम स्वयं में एक मिसाल है।
सामने सुश्री नुसरत नाहीद द्वारा लिखी गयी एक पुस्तक का पृष्ठ भाग प्रदर्शित है यह पुस्तक मलिक प्रकाशन लखनऊ द्वारा प्रकाशित है और उस महान व्यक्तित्व पर आधारित है।
पहेली के संकेत के रूप में यह अवगत कराना है इस पुस्तक पर प्रकाशित चित्र इस महान व्यक्तित्व की समाधि या मजार है और लिखा हुआ शेर उस के जीवन का फलसफा ।
बस अब और संकेत नहीं आपको इस शेर के आधार पर ही इस व्यक्तित्व को पहचानना है वही इस पुस्तक का शीर्षक भी है ।
तो अब देर किस बात की जल्दी से अपना उत्तर मेल करें ताकि आपसे पहले कोई सही उत्तर देकर इस पहेली का विजेता न बन जाय।
मिर्ज़ा ग़ालिब !
जवाब देंहटाएंमिर्ज़ा ग़ालिब
जवाब देंहटाएंआह को चाहिए एक उम्र असर होने तक,
जवाब देंहटाएंकौन जीता है तेरी ज़ुल्फ़ के सर होने तक?
आशिक़ी सब्र तलब और तमन्ना बेताब,
दिल का क्या रंग करूँ खून-ए-जिगर होने तक?
हमने माना के तगाफुल ना करोगे, लेकिन
ख़ाक हो जायेगे हम तुमको ख़बर होने तक
ग़म-ए-हस्ती का 'असद' किससे हो जुज़ मर्ग इलाज़
शम्मा हर रंगे में जलती है सहर होने तक
मिर्ज़ा ग़ालिब