प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों
आज की हिन्दी साहित्य पहेली एक ऐसे व्यक्तित्व पर आधारित है जिसका नाम स्वयं में एक मिसाल है।
इस महान कवि ने सुभाषचन्द्र बोस की मृत्यु पर एक कविता लिखी थी जो इस प्रकार है
सुभाषचन्द्र बोस की मृत्यु पर कविता
दूर देश में किसी विदेशी गगन खंड के नीचे
सोये होगे तुम किरनों के तीरों की शैय्या पर
मानवता के तरुण रक्त से लिखा संदेशा पाकर
मृत्यु देवताओं ने होंगे प्राण तुम्हारे खींचे
प्राण तुम्हारे धूमकेतु से चीर गगन पट झीना
जिस दिन पहुंचे होंगे देवलोक की सीमाओं पर
अमर हो गई होगी आसन से मौत मूर्च्छिता होकर
और फट गया होगा ईश्वर के मरघट का सीना
और देवताओं ने ले कर ध्रुव तारों की टेक -
छिड़के होंगे तुम पर तरुनाई के खूनी फूल
खुद ईश्वर ने चीर अंगूठा अपनी सत्ता भूल
उठ कर स्वयं किया होगा विद्रोही का अभिषेक
किंतु स्वर्ग से असंतुष्ट तुम, यह स्वागत का शोर
धीमे-धीमे जबकि पड़ गया होगा बिलकुल शांत
और रह गया होगा जब वह स्वर्ग देश
खोल कफ़न ताका होगा तुमने भारत का भोर।
-(लेखक ?)
इस बार कोई संकेत नहीं इस कविता के आधार पर ही आपको इसके लेखक को पहचानना है
क्या आप पहचान गये हैं उस कवि को तो फिर अब देरी किस बात की जल्दी से जल्दी अपना उत्तर भेजें ताकि आपसे पहले उत्तर भेजकर कोई और इसका पहेली का विजेता न बन जाय।
हार्दिक शुभकामनाओं सहित।
संभवतः इसके लेखक धर्मवीर भारती हैं।
जवाब देंहटाएंकवि का नाम- श्री धर्मवीर भारती
जवाब देंहटाएंइस कविता के रचयिता डॉ. धर्मवीर भारती हैं !
जवाब देंहटाएंइस कविता के रचयिता डॉ. धर्मवीर भारती हैं !
जवाब देंहटाएंधर्मवीर भारती
जवाब देंहटाएं