प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों
आज की हिन्दी साहित्य पहेली में आपके सम्मुख हिन्दी साहित्य के दो प्रसिद्ध कवियों की एक जैसी भाव भंगिमा और एक समान लय में लिखी गयी कवितायें प्रस्तुत हैं। आपको इन कविताओं के माध्यम से उनके लेखकों को पहचानना है।
पहली कविता इस प्रकार है
हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए
आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी
शर्त थी लेकिन कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए
हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव में
हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए
सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं
मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए
मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही
हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए
और दूसरी कविता यह है
है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए
जिस तरह से भी हो ये मौसम बदलना चाहिए
रोज़ जो चेहरे बदलते है लिबासों की तरह
अब जनाज़ा ज़ोर से उनका निकलना चाहिए
अब भी कुछ लोगो ने बेची है न अपनी आत्मा
ये पतन का सिलसिला कुछ और चलना चाहिए
फूल बन कर जो जिया वो यहाँ मसला गया
जीस्त को फ़ौलाद के साँचे में ढलना चाहिए
छिनता हो जब तुम्हारा हक़ कोई उस वक़्त तो
आँख से आँसू नहीं शोला निकलना चाहिए
दिल जवां, सपने जवाँ, मौसम जवाँ, शब् भी जवाँ
तुझको मुझसे इस समय सूने में मिलना चाहिए
पहले संकेत के रूप में यह अवगत कराना चाहेगें कि इनमें से एक कविता को इस प्रसिद्ध कवि की हस्ताक्षर कविता माना जाता है।
दूसरे संकेत के रूप में बताना चाहेंगे कि इन दोनो प्रसिद्ध कवियों में एक को ईश्वर ने बहुत छोटा जीवन दिया था और वे हमारे बीच से 1977 में ही चले गये थे और दूसरे कवि आयु शतक की ओर अग्रसर हैं। उनके शतायु होने की शुभाकांक्षा के साथ आपको दोनो कवियों का नाम बताना है
एक और संकेत आगमी बुधवार को इस महान कवि का जन्म दिवस भी है
है ना बहुत आसान सा कार्य । तो फिर देर किस बात की क्या आप पहचान गये हैं उस कवि को तो फिर अब देरी किस बात की जल्दी से जल्दी अपना उत्तर भेजें ताकि आपसे पहले उत्तर भेजकर कोई और इसका पहेली का विजेता न बन जाय।
हार्दिक शुभकामनाओं सहित।
पहली रचनान ' हो गयी है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिये' के रचनाकार हैं दुष्यंत कुमार ! और दूसरी रचना, 'है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिये' के रचनाकार का नाम है श्री गोपालदास नीरज !
जवाब देंहटाएंदेर से आया हूँ पहेली पर!
जवाब देंहटाएंदुश्यन्त कुमार सही उत्तर है।
1. दुष्यंत कुमार त्यागी
जवाब देंहटाएं2. गोपालदास "नीरज"