सोमवार, 11 जून 2012
हिन्दी साहित्य पहेली 85 हिन्दी की पहली आत्मकथा का लेखक कौन है?
प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों
आज की साहित्य पहेली हिन्दी आत्मकथा पर आधारित है । आज की पहेली में आपको हिन्दी की पहली आत्मकथा के बारे में बताना है कि हिन्दी में किस रचना को पहली आत्मकथा माना जाता है।
प्रथम संकेत के रूप में बता दें कि इसकी रचना सन 1641 में हुयी थी
दूसरे संकेत के रूप में यह भी बताना चाहेंगे कि यह पद्यात्मक है।
तीसरा और अंतिम संकेत निम्न तीन में से ही कोई एक हिन्दी की आत्मकथा का लेखक है
1. कविवर देव (देवदत्त द्विवेदी)
2. बनारसी दास जैन
3. तुलसीदास
क्या आप पहचान गये हैं उस रचनाकार को? तो फिर देर किस बात की तो फिर अब देरी किस बात की जल्दी से जल्दी अपना उत्तर भेजें ताकि आपसे पहले उत्तर भेजकर कोई और इसका पहेली का विजेता न बन जाय।
हार्दिक शुभकामनाओं सहित।
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हिन्दी का प्रथम आत्मकथा "अर्ध कथानक" है
जवाब देंहटाएंजिसके रचनाक बनारसी दास जैन हैं!
"अर्ध कथानक" ही भारतीय साहित्य की पहली आत्मकथा है, इसका प्रकाशन हिन्दी ग्रंथ कार्यालय मुंबई से हुआ ..
जवाब देंहटाएंबनारसीदास ने हिन्दी की पहली आत्मकथा "अर्ध कथानक्" लिखी.
जवाब देंहटाएंबनारसीदासकृत अर्ध-कथानक! यह आत्मकथा है जिसे सन् 1641 में लिखा गया था! बनारसीदास का जीवन आगरा में बीता..
जवाब देंहटाएंहिंदी में प्रथम आत्मकथा का नाम-
जवाब देंहटाएंअर्द्धकथानक
रचनाकार- श्रीयुत बनारसी दास जैन
अर्द्धकथानक में उनके प्रथम पचास वर्षों का रोचक और यथार्थ विवरण है, जो सभी प्रकार से आत्मकथा की परिभाषा में आता है।
तुलसीदास जी
जवाब देंहटाएं१६४१ में श्रीयुत बनारसी दास जैन द्वारा लिखी गयी 'अर्(कथा' को किसी भी भारतीय भाषा में लिखी गयी पहली आत्मकथा माना जाता है ! इससे पूर्व आत्मकथा लिखने का चलन भारतीय साहित्य में नहीं था !
जवाब देंहटाएंसाधना वैद
श्रीयुत बनारसी दास जैन
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