हिन्दी साहित्य पहेली 76 के हल हेतु संकेत
प्रिय पाठकगण
इस बार की हिन्दी साहित्य पहेली को हल करने का मंत्र गूगल बाबा के पास उपब्ध हो सकता था परन्तु इस पहेली के जारी होने के बाद अब तक चौबीस घंटे हो चुके हैं परन्तु किसी भी पाठक का सही हल प्राप्त नहीं हो सका है इसलिये पहेली के सही हल हेतु आपको बहुबिकल्पीय संकेत देना चाहता हूँ जो इस प्रकार है
(1)पहेली में पूछे गये पद्यांश के मूल लेखक निम्नलिखित तीन में से ही कोई एक है
1 हरिवंशराय बच्चन जी
2 उमर ख़ैयाम जी
3 सुमित्रानंदन पंत जी
(2)और पहेली में पूछे गये पद्यांश के अनुवादक निम्नलिखित तीन में से ही कोई एक है
1 सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" जी
2 सुमित्रानंदन पंत जी
3 उमर ख़ैयाम जी
(3)और जिस पुस्तक से इस अंश को लिया गया है वह पुस्तक भी निम्नलिखित तीन में से ही कोई एक है
1 मधुशाला
2 मिलन यामिनी
3 मधुज्वाल
मेरा विश्वास है कि अब तक यह दोनो संकेत आपको पहेली के हल तक पहुंचने में सहायक हो चुका होगा सो देर किस बात की तुरंत अपना उत्तर भेजें ताकि कोई और आपसे पहले उत्तर देकर इस पहेली का विजेता न बन बैठै।
अग्रिम शुभकामनाओं सहित
उम्र खैयाम की रुबाइयों का सुमित्रानंदन पन्त जी के द्वारा 'मधुज्वाल' नामक पुस्तक में अनुवाद किया गया ! ये दोनों ही पद्यांश मधुज्वाल से उद्धृत हैं !
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