सोमवार, 2 अप्रैल 2012

हिंदी साहित्य पहेली 75 क्या आपकी मां बहन नहीं है?

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों
रास्ता घाट , बस ट्रेनों में अक्सर जब लडके लडकियों के प्रति अशोभन आचरण करते हैं तो लडकियों के पक्ष में कुछेक लोग जमा हो जाते हैं । आमतौर पर ये लोग लडकों की लानत मलामत करते हैं तो और सदुपदेश देते हैं। लडकों का तिरस्कार करते हुये वे लोग कहते हैं -
‘आपकी क्या मां बहन नहीं हैं?’
मर्द औरत पर अत्याचार कर रहा है, इसमें मां बहन का जिक्र करना जरूरी क्यों है, यह बात मुझे ठीक ठीक समझ नहीं आतीं सिर्फ रास्ता घाट के मर्द ही सलाहकार नहीं बनते ,ऐसी बातें बुद्धिजीवी भी करते हैं कि औरत को मां या बहन के रूप में देखा जाए। मेरा सवाल है कि औरत को इनसब रूपों में देखना क्यों जरूरी है? यह सब तो एक किस्म का रिश्ता है, औरत का सम्मान करने के लिये। किसी सामाजिक रिश्ते की सीमा में सम्मान करना क्यों जरूरी है? जिस मर्द की मां बहन नहीं हैं उनसे सम्मान पाने का क्या औरत को हक नहीं है?औरत को मर्द की मां बहन या बेटी के रूप में विराजकर, अपने लिये सुविधा क्यो वसूल करना होगा?


उपरोक्त अंश पढकर आपको लग रहा होगा कि आज पहेली के स्थान पर आलेख क्यो?
इस संबंध में आपको बता दें कि आज की पहेली एक अनोखी पहेली है जिसमें आपको उपरोक्त वक्तब्य में आम भारतीय नारी के द्वारा पूछे गये आये सवालों के जवाब तलाशने हैं और यह पहचानना है कि सामान्य से लगने वाले ये सवाल आखिर किसने पूछे हैं?
यानी इन शब्दों के आधार पर आपको इनके लेखक अथवा लेखिका को पहचानना है यानी इन शब्दों के आधार पर आपको इनके लेखक अथवा लेखिका और उस पुस्तक को पहचानना है जिसमें इन सवालों को उठाया गया है।
अब तक शायद आप पहचान गये होंगे तो फिर देर किस बात की, तुरंत अपना उत्तर भेजें ताकि आपसे पहले उत्तर भेजकर कोई और इसका पहेली का विजेता न बन जाय।

हार्दिक शुभकामनाओं सहित।

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आप सभी प्रतिभागियों की टिप्पणियां पहेली का परिणाम घोषित होने पर एक साथ प्रदर्शित की जायेगीं