प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों,
आज की पहेली श्रद्धांजलि है उस महान साहित्यिक हस्ती को जिसकी आज 31 अक्टूबर को पुण्य तिथि है ।
इस महान लेखिका का चित्र उनकी आत्मकथा क्र मुखपृष्ठ पर प्रदर्शित है जिसमें थोडा सा संशोधन किया गया है । आत्मकथा पुस्तक का मुखपृष्ठ संलग्न चित्र में प्रदर्शित है
आज की पहेली में आपको इस पुस्तक के नाम और उसकी लेखिका को पहचानना है।
संकेत के रूप में इस लेखिका द्वारा नारी के विषय में लिखे शब्दों को उद्धृत किया जा रहा हैं जो इस प्रकार हैंः-
‘‘औरत की पाकीजगी का ताल्लुक, समाज ने कभी भी , औरत के मन की अवस्था से नहीं पहचाना, हमेशा उसके तन से जोड. दिया। इसी दर्द केा लेकर उनके द्वारा लिखित एक नावल के किरदार ऐनी के अल्फाज हैंः- मुहब्बत और वफाा ऐसी चीजें नहीं हैं , जो किसी बेगाना को छूते ही खत्म हो जाएं। हो सकता है पराए बदन से गुजर कर वह और मजबूत हो जाएं, जिस तरह इन्सान मुश्किलों से गुजर कर और मजबूत हो जाता है....’’क्या आप पहचान गये हैं तो फिर अब देरी किस बात की जल्दी से जल्दी अपना उत्तर भेजें ताकि आपसे पहले उत्तर भेजकर कोई और इसका पहेली का विजेता न बन जाय।
हार्दिक शुभकामनाओं सहित।
अमृता प्रीतम !
जवाब देंहटाएंपुस्तक का नाम है 'रसीदी टिकट' और लेखिका का नाम है 'अमृता प्रीतम' !
जवाब देंहटाएंapna,Amrita Pritam
जवाब देंहटाएंRasidi Ticket (1976)
जवाब देंहटाएंShadows of Words (2004)
AUtobiography of Amrita Pritam