बुधवार, 5 अक्तूबर 2011

हिन्दी साहित्य पहेली 49 परिणाम और विजेता है

प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों
इस सहित्य पहेली 49 का विजेता घोषित करने से पहले आपको सही उत्तर बताते हैं जो है श्रीयुत तुलसीदास रचित ‘श्री कृष्णगीतावली’।


प्रिय पाठकजन
इस कृति कृष्णगीतावली’का चित्र परिणाम के साथ प्रकाशित किया जा रहा है।

यह रचना श्रीयुत गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित एक छोटी सी कृति है जिसमें कुल 61 पद हैं , जिसमें से गोपी उपालंभ से संबंधित राग केदारा में मात्र दो पद हैं पद संख्या 5 और पद संख्या 6 । इस बार की पहेली में इसी रचना का पद संख्या 6 आपके सम्मुख प्रस्तुत किया गया था जिसकी अंतिम पंक्ति में लिखे शब्द ‘’तुलसिदास’’ को छिपाकर मात्र ‘‘.........दास’’ लिखा गया था

।सम्पूर्ण पद इस प्रकार है

गोपी उपालंभ (राग केदारा)
पद संख्या(8)


अबहि उरहनो दै गई , बहुरौ फिरि आई ।
सुनु मैया! तेरी सौं करौं, याको टेव लरन की, सकुच बेंचि सी खाई।।1।। या ब्रज में लरिका धने, हौं ही अन्याई । मुँह लाएँ मूँडहिं चढ़ी, अंतहुँ अहिरिनि, तू सूधी करि पाई।।2।।
सुनि सुत की अति चातुरी जसुमति मुसुकाई ।
तुलसिदास ग्वालिनि ठगी, आयो न उतरू, कछु, कान्ह ठगौरी लाई।।3।


और सही उत्तर सर्वप्रथम भेज कर विजेता बने हैं



विजेता बने है श्री दर्शन लाल बावेजा जी




।यह हमारे लिये खेद का विषय है कि आप सभी प्रतिभागियों को अनेक संकेत देने के बावजूद अधिकतर प्रतिभागी गण
सही उत्तर नहीं दे सका। संभवतः हमारे संकेत कुछ स्पश्ट नहीं रहे होगे अन्यथा आप सुधी प्रतिभागीगण सही उत्तर तक अवश्य पहुँच जाते।

तथापि आप सभी प्रतिभागीगणों सर्वश्री अजय सिंह सुश्री आशाजी एवं श्री रविकर जी को प्रतिभाग के लिये हर्दिक शुभकामनाऐं।

और हाँ हमारी अगली पहेली संख्या अर्द्धशतकीय पहेली संख्या 50 होगी जो समर्पित होगी हमारे प्रतिभागीगणों को इसलिये इस पहेली के सभी प्रतिभागियों के संबंध में अभी से जानकारी एकत्रित करने का प्रयास करिये जिससे पहेली का उत्तर देना आपके लिये आसान हो सके।पुनः हार्दिक शुभकामनाओं सहित।

1 टिप्पणी:

आप सभी प्रतिभागियों की टिप्पणियां पहेली का परिणाम घोषित होने पर एक साथ प्रदर्शित की जायेगीं