सोमवार, 5 सितंबर 2011

हिन्दी साहित्य पहेली 45 ‘ गम्भीर पत्रकारिता के मानक निर्धारक का पुण्य स्मरण


प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों,

सृजन-धर्मिता से साहित्य का आसमान नाप लेने की तड़प रखने वाले उस महान साहित्यकार ने 4 सितम्बर 1997 को मुम्बई में आखिरी साँस ली थी परन्तु सृजन-शीलता की जिस पाठशाला को उन्होंने आरंभ किया था वह भौतिक संसार में उनकी अनुपस्थिति के बाद भी गतिमान है।
आज की साहित्य पहेली उसे श्रंद्धांजलि के रूप में प्रस्तुत है। यूँ तो इस सहित्यकार की सभी कृतियाँ अद्वितीय हैं परन्तु साथ में प्रकाशित चित्र उनकी सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्याय का मुखपृष्ठ है जिसमें कुछ बदलाव किये गये हैं आपको इस उपन्यास और उस साहित्यकार को पहचानना है।

आपकी सहायता के लिये कुछ संकेत लिख रहा हूँ
.... नहीं .......नहीं...... संकेत तो मुखपृष्ठ के चित्र में छिपा हुआ है, .......बस.......... बस.......... अब और संकेत नहीं.......
पहचानिये इस लेखक और इसकी उस रचना को जिसका चित्र दिया गया है।
जल्दी से अपना उत्तर भेजें ताकि आपसे पहले उत्तर भेजकर कोई और इसका पहेली का विजेता न बन जाय।

4 टिप्‍पणियां:

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