आज की पहेली में ‘अकाल और उसके बाद’ नाम कविता की कुछ पंक्तियाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ जिनका रचना काल 1952 का है
आपको इन पंक्तियों के आधार पर उसके लेखक को पहचानना है
पंक्तियाँ हैं:-
कई दिनों तक चूल्हा रोया, चक्की रही उदास।
कई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पास।
कई दिनों तक लगी भत पर छिपकलियों की गश्त।
कई दिनों तक चूहों की भी हालत रही शिकस्त।
दाने आये घर के अन्दर कई दिनों के बाद।
धुआँ उठा आँगन से ऊपर कई दिनों के बाद।
चमक उठी घर भर की आँखें कई दिनों के बाद।
कौए ने खुजलाई पाँखें कई दिनों के बाद।
पहले संकेत के रूप में बता दें कि उपरोक्त पंक्तियाँ लिखने वाले सुविख्यात प्रगतिशील कवि का जन्म दरभंगा बिहार में हुआ था। आपको साहित्य के क्षेत्र में प्रसिद्ध हुआ इनका नाम लिखना है ।
दूसरे संकेत के रूप में बता दें कि इन्हे साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था।
क्या आप पहचान गये हैं उस प्रगतिशील कवि को तो फिर अब देरी किस बात की जल्दी से जल्दी अपना उत्तर भेजें ताकि आपसे पहले उत्तर भेजकर कोई और इसका पहेली का विजेता न बन जाय।
हार्दिक शुभकामनाओं सहित।
naagarjun ji
जवाब देंहटाएंयह रचना तो मैंने बाबा नागार्जुन के मुखारविन्द से कई बार सुनी है। जिसे उन्होंने सविस्तार मुझे सुनाया था। इस महान साहित्यकार को नमन!
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